फांसी की सजा ने किया निर्भया के दोषियों को विचलित, जेल प्रशासन को लेना पड़ी चिकित्सकों की मदद
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को अब फांसी का डर सता रहा है. उन पर निगरानी बढ़ा दी गई है. दोषियों के ऊपर लगाई गई टू लेयर मॉनिटरिंग को थ्री लेयर कर दिया गया है. साथ ही चारों दोषियों पर नजर रखने के लिए तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवानों को भी तैनात किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते शुक्रवार चारों दोषियों को जैसे ही टीवी के जरिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में पता चला, वह बेचैन हो गए. चारों को फांसी की सजा को उम्रकैद में बदले जाने की उम्मीद थी. जिसके बाद इनकी चुप्पी को देखते हुए जेल प्रशासन ने तीन सीनियर डॉक्टरों की मदद से उनकी काउंसिलिंग करवाई.
बताते चलें कि चारों की फांसी की सजा बरकरार रखे जाने के फैसले से जेल के दूसरे कैदी खुश थे. दोषियों की मनोदशा को देखते हुए तिहाड़ प्रशासन ने इन पर निगेहबानी का पहरा कड़ा कर दिया. अधिकारियों के अनुसार, निगरानी बढ़ाए जाने के दो कारण है. पहला, फांसी की सजा मिलने के बाद दोषी खुदकुशी की कोशिश न करें. दूसरा, ये कहीं जेल से न भाग जाए.
अधिकारियों ने बताया कि जेल नंबर-4 में बंद केस के एक दोषी विनय शर्मा ने दीवार पर अपना सिर मारकर खुद को घायल करने की कोशिश की थी. इसके बाद इसे जेल नंबर-4 से जेल नंबर-7 के हाई सिक्योरिटी वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया. बाकी तीनों दोषियों को जेल नंबर-2 में रखा गया है. गौरतलब है, विनय इससे पहले भी खुदकुशी की कोशिश कर चुका है. फिलहाल तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान इन पर 24 घंटे पहरा दे रहे हैं.