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सेना की सर्चिंग के दौरान महिलाओं-बच्चों को ढाल बना आतंकी लश्कर कमाण्डर जुनैद हुआ फरार



जम्मू कश्मीर में सेना अब तक का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन चला रही है. 3000 से ज्यादा सुरक्षाबल कश्मीर घाटी के 20 से ज्यादा गांवों में आतंकियों की तलाश कर रहे हैं. इस बीच खबर है कि लश्कर का खूंखार आतंकवादी जुनैद मट्टू सेना को चकमा देकर भागने में कामयाब रहा. सेना का सर्च ऑपरेशन कश्मीर के शोपियां, पुलवामा और कुलगाम ज़िलों में क सुबह शुरू हुआ था. इन तीनों ज़िलों की सीमा एक दूसरे से सटती है. कुलगाम में मट्टू के छिपे होने की खबर मिली तो वहां ऑपरेशन शुरू हुआ था.

कैसे भागा खूंखार आतंकी जुनैद मट्टू
जुनैद मट्टू कुलगाम में खुडवनी में एक रिश्तेदार के घर में पांच और लश्कर आतंकियों के घर में छिपा हुआ था. सेना के ऑपरेशन के दौरान लोगों के विरोध प्रदर्शन का फायदा उठाकर पूरा ग्रुप भाग निकलने में कामयाब हो गया. इलाके में नाकाबंदी अभी भी जारी है.

कौन है जुनैद मट्टू?
जुनैद मट्टू लश्कर का कमांडर है और वो कितना खूंखार आतंकवादी है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उसके बारे में कहा जाता है कि उसके अंत के साथ कश्मीर घाटी में आतंक का अंत हो जाएगा. महज 20 साल की उम्र में लश्कर का हिस्सा बननेवाला मट्टू कुलगाम के खुडवनी गांव का रहनेवाला है. साल 2014 में वो कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर आतंकी संगठन लश्कर में शामिल हो गया.

जुनैद मट्टू यानी दूसरा बुरहान वानी
जुनैद मट्टू को कश्मीर का दूसरा बुरहान वानी भी कहा जाता है. दरअसल बुरहान वानी की तरह मट्टू भी नौजवान है और कश्मीर घाटी का स्थानीय निवासी है. 4 जुन 2016 को जुनैद मट्टू ने अपने एक साथी के साथ अनंतनाग में पुलिस पोस्ट पर फायरिंग की थी जिसमें 3 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे. इसी वारदात के बाद लश्कर ने उसे दक्षिण कश्मीर में अपना कमांडर बनाया था.

सेना के ऑपरेशन में स्थानीय निवासी बने बाधा
सेना के इस सबसे बड़े सर्च ऑपरेशन में स्थानीय लोग मदद नहीं कर रहे हैं. स्थानीय लोगों में महिलाओं के साथ साथ छोटे बच्चे भी आतंकवादियों के लिए ढाल बन रहे हैं जो कश्मीर घाटी में खून खराबा कर रहे हैं. सेना के सर्च ऑपरेशन में बाधा डालने के लिए कई जगहों पर सड़कों को ब्लॉक कर दिया गया है.

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