लागत लगी दस हजार मुनाफा हुआ पचास हजार - बोले अडवानिया के किसान
उज्जैन । “मैंने अश्वगंधा की खेती अपनी एक बीघा जमीन पर की थी इसमें तीन क्विटंल जड़ें निकली और शेष बगदा निकला। पन्द्रह हजार रूपये प्रति क्विटंल के मान से जड़ें बेची और शेष बगदा बेचने पर लगभग पांच हजार रूपये मिले। इस तरह एक बीघा जमीन पर अश्वगंधा लगाने में दस हजार रूपये की लागत आई तथा कुल पचास हजार रूपये मिले। इसकी खेती करने में लगभग पांच महीने का समय लगा और इसे नीमच मण्डी में बेचा।” यह बात उज्जैन संभाग के ग्राम अडवानिया में सम्भागायुक्त उज्जैन सम्भाग एम.बी.ओझा की उपस्थिति में कृषि संसद के दौरान गांव के किसान विनोद पिता राधेश्याम ने कही। सम्भागायुक्त एम.बी.ओझा ने गाॅव के किसानों के द्वारा बताये गये अनुभव के आधार पर कहा कि आज भी पुरानी कहावत ‘‘उत्तम खेती मध्यम बान’’ चरितार्थ हो रही है। खेती से श्रेष्ठ और पवित्र अब भी कोई कार्य नहीं है। किसानों को सही और पूरा परामर्श देकर न्यूनतम लागत में अधिकतम लाभ दिलाने की सही तकनीकों की ओर अग्रसर किया जा सकता है।
कृषि संसद में कलेक्टर ने अपने उद्बोधन में ग्रामवासियों के साथ दो तरफा संवाद करते हुए दिये जा रहे मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी। उन्होने कहा कि किसान जमीन का डॉक्टर है। किसानों को कार्ड देते समय उनकी भूमि के किस हिस्सें में कितना और कौन सा खाद उपयोग करना चाहिए, इस बाबत पूरा परामर्श उनकी अपनी भाषा में दिया जाना चाहिए। किसानों की आय को दुगुना करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम लागत कम करते हुए उपज बढ़ाना है। इसके लिये किसानों को उचित बाजार मिल सके इसका एक माध्यम ‘ग्राम उदय से भारत उदय’ अभियान है। परियोजना संचालक वास्केल ने किसानों को खेत तालाब, बलराम तालाब, प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना आदि के बारे में जानकारी दी। उप संचालक कृषि के.एस.खपेड़िया ने किसानों को नंदन फलोद्यान लेने के विषय में प्रेरित किया। इस दौरान समरथ पिता लक्ष्मण ने बताया कि उन्होने अपने पांच बीघा खेत में अंगूर की खेती की है। खेती के दौरान उन्होने पौधों के बीच लगभग आठ फुट की दूरी रखी और उन्हें इस खेती से पर्याप्त लाभ मिल रहा है। कलेक्टर ने कहा कि ग्रामवासियों को पास के गांव तितरी में ले जाकर कृषि की उन्नत तकनीकों और उससे होने वाले लाभों को प्रत्यक्ष रूप से दिखाया जा सकता है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि ग्रामवासियों को खेत में जाकर ही प्रशिक्षण दिया जाये एवं संगोष्ठी आयोजित की जाये। इसके व्यवहारिक होने से किसान अधिक से अधिक लाभ ले सकेंगे। ग्रामवासियों के द्वारा तौल की समस्या होने पर कलेक्टर ने निर्देशित किया कि स्पाट पर ही किसानों की उपज के तौल की पारदर्शी व्यवस्था लागू की जाये और किसानों को बिचौलियों के बिना अधिक से अधिक लाभ देने के प्रयासों पर कार्य किया जाये। उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग ने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान एवं समयगत टीकाकरण कराकर नस्ल सुधार किया जा रहा है। इससे दुध के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है। एक या दो बीघा जमीन वाले किसानों के लिये दुग्ध उत्पादन उनकी आजीविका का श्रेष्ठ विकल्प है। ग्राम के किसान लगभग दो सौ लीटर दुग्ध उत्पादन होने पर ग्राम दुग्ध समिति का गठन कर सकते है। लगभग 20 पशु मिलकर दो सौ लीटर दुग्ध उत्पादन की शर्त पूरी करते हैं तो प्रशासन द्वारा बैंक से तत्काल ऋण व्यवस्था उपलब्ध करा दी जायेगी। इस योजना में दुध से मिलने वाली राशि सीधे बैंक में जमा होगी और बैंक साप्ताहिक आधार पर किश्त की राशि काटकर सीधे समिति को प्रदान करेगी। इस प्रकार बैंक की किश्त समय पर जमा होने के साथ ही किसानों की आय में भी उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी होगी।
ग्रामवासियों ने कृषि संसद के दौरान एक नया तालाब बनवाने और आम्बा पाला के तालाब गहरीकरण की मांग रखी। मौके पर ही पेड़, पानी को आज की सबसे बड़ी जरूरत बताते हुए तालाब की स्वीकृति जारी करने के निर्देश दिये गये। कलेक्टर ने कहा कि फारेस्ट के दायरे में आने वाली भूमि को लेकर भी बड़े तालाब निर्माण के लिये कोई अड़चन न हो, इसके लिये सभी सम्भव प्रयास किये जायेगे। ग्रामवासियों के लिये आने वाले समय में होने वाली वर्षा के जल को संग्रहित करने की जरूरत है।
जिला पंचायत के सदस्य नारायण मईड़ा ने कहा कि किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिये शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आना होगा। उन्होने क्षेत्र के लिये लिफ्ट के प्रोजेक्ट की मांग रखीं। ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान कृषि संसद एवं कलेक्टर के प्राणवायु अभियान के लिये गामवासियों की ओर से आभार माना।
विधायक प्रतिनिधि बाबूलाल पाटीदार ने कहा कि जमीन से ही समस्या पैदा होती हैं और उसका निराकरण भी जमीन पर ही किया जाना चाहिए। उन्होने क्षेत्र में शिक्षा की स्थिति में सुधार लाने की आवश्यकता बतायी।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी और पेड़ की उपलब्धता से गांव में पर्याप्त हरियाली और खुशहाली लायी जा सकती है। क्षेत्र में ग्रामीणों के सहयोग से जल स्तर बढ़ाने की दिशा में बेहतर प्रयास किये जा रहे है। क्षेत्र में जल स्तर बढ़ाने की दिशा में पंचायत विभाग की ओर से सभी सम्भव प्रयास किये जायेगे। रोजगार के साधन क्षेत्र में उपलब्ध होने से पलायन तो रूकेगा ही साथ ही जन जीवन को खुशहाली और समृद्धि भी मिलेगी।
स्प्रे पम्प का वितरण हुआ
बहादुर पिता कालु निवासी पंथवारी, शम्भु पिता वरसिंह ग्राम सालरापाड़ा, पन्नालाल पिता कालु ग्राम मान्यावारी, छगन पिता रंगाजी ग्राम मान्यवारी, गौतम पिता नाथु ग्राम पडाव, नंदु पिता हमीरा ग्राम मान्यावारी को स्प्रे पम्प का वितरण अतिथियांे ने किया। सांकेतिक रूप से बाबुलाल पिता जगन्नाथ ग्राम अडवानिया, लक्ष्मीनारायण पिता रतनलाल ग्राम अडवानिया, मांगीलाल पिता पन्नालाल ग्राम अडवानिया को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये।
कार्यक्रम के दौरान समरथ पिता लक्ष्मण, किशोर पिता चम्पालाल, नंदकिशोर पाटीदार, शांतिलाल पिता रामेश्वर, छोगालाल पाटीदार, देवचंद्र पाटीदार, लक्ष्मीनारायण पाटीदार आदि किसानों का जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने सम्मान किया।