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अपर कलेक्टर द्वारा जनसुनवाई की गई


 

      उज्जैन । प्रति मंगलवार आयोजित होने वाली जनसुनवाई बृहस्पति भवन में अपर कलेक्टर श्री बसन्त कुर्रे, संयुक्त कलेक्टर श्री रजनीश श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारियों द्वारा की गई। जनसुनवाई में आये प्रकरणों के निराकरण के लिये सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। मक्सी रोड की अंजुश्री कॉलोनी निवासी नमिता पाण्डेय पति स्व.गजेन्द्र पाण्डेय ने पड़ोसी द्वारा दुर्भावनावश प्रताड़ित करने और थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने सम्बन्धी आवेदन दिया। इस पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय को उचित कार्यवाही हेतु आवेदन अग्रेषित किया गया। ग्राम खजूरिया निवासी मयाराम ने आवेदन दिया कि उनकी भूमि का अभी तक सीमांकन नहीं किया गया है, जिस कारण उन्हें काफी परेशानी हो रही है। इस पर तहसीलदार उज्जैन को कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये।

      विद्या नगर अमलावदिया रोड नागदा निवासी प्रकाशबाई पति स्व.दयाराम परमार ने आवेदन दिया कि पति की मृत्यु के बाद उनके पुत्र व बहू द्वारा उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करने के उद्देश्य से उन्हें आयेदिन प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर एसडीएम नागदा को कार्यवाही के लिये आवेदन अग्रेषित किया गया। ग्राम गवंडी तहसील उज्जैन निवासी वीरेन्द्रसिंह पिता स्व.गोपाल सिंह ने आवेदन देकर शिकायत की कि उनके पिता ग्राम पंचायत में सचिव के पद पर थे। पिता की मृत्यु के बाद ग्राम सरगोदा जिला देवास के तथाकथित व्यक्तियों द्वारा उनकी अनुकम्पा नियुक्ति लगवाने के बहाने 01 लाख 20 हजार रूपये लेकर धोखाधड़ी की गई है। इस पर पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की जांच हेतु आवेदन अग्रेषित किया गया।

      कायथा निवासी सूरजबाई पति हीराजी ने आवेदन दिया कि इंदिरा आवास योजना के तहत उन्हें अभी तक आधी राशि प्राप्त नहीं हो पाई है, जिस कारण उनके मकान की छत का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। इस पर सीईओ जनपद पंचायत उज्जैन को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। महात्मा गांधी मार्ग नागदा निवासी दिलीप सेठिया ने आवेदन देकर शिकायत की कि नये शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ होते ही निजी स्कूलों के संचालकों व बुक सेन्टर मालिकों की सांठगांठ से बच्चों की सीबीएसई व एमपी बोर्ड की किताबें तथा अन्य शैक्षणिक सामग्री किसी एक विशेष दुकान से ही खरीदने के लिये अभिभावकों को विवश किया जा रहा है। इस वजह से शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार हो रहा है और गरीब अभिभावक ठगे जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त शासन के निर्देशों के बाद भी स्कूलों के संचालक एनसीईआरटी की पुस्तकें पाठ्यक्रम में शामिल नहीं कर रहे हैं। इस पर तत्काल कार्यवाही हेतु जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये गये। इसी प्रकार अन्य मामलों में भी जनसुनवाई की गई।

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