मोदी करेंगे आज देशवासियों से ‘मन की बात’
नरेंद्र मोदी रविवार को देशवासियों से मन की बात करेंगे। मन की बात का ये 31th एपिसोड है। इस बार वे तीन तलाक के मुद्दे पर कुछ सुझाव दे सकते हैं। पिछली बार उन्होंने बांग्लादेश इंडिपेंडेंस डे, शहीद भगत सिंह, डिजिटल पेमेंट, स्वच्छता अभियान, न्यू डिजिटल इंडिया, डिप्रेशन, खाना बर्बाद न करने का जिक्र किया। इसके अलावा हफ्ते में एक दिन लोगों से पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल न करने की अपील की। उन्होंने कहा- "125 करोड़ राह तय करें, न्यू इंडिया का सपना सच हो सकता है। जरूरी नहीं कि हर चीज सरकारी पैसे से हो। अगर हर नागरिक संकल्प करे कि अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा, एक दिन पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल नहीं करूंगा। इन छोटी-छोटी बातों से न्यू इंडिया बनेगा।" मन की बात की 7 खास बातें...
1. बांग्लादेश इंडिपेंडेंस डे पर दी बधाई
- मोदी ने कहा- "भारत-बांग्लादेश की गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की साझी विरासत है। गुरुदेव को उनकी रचना गीतांजलि के लिए 1913 में नोबेल अवॉर्ड मिला था। अंग्रेजों ने उन्हें नाइटहुड की उपाधि दी। 1919 में जलियांवाला कांड के चलते उन्होंने ये उपाधि लौटा दी।"
- "एक 12 साल के बच्चे पर जलियांवाला कांड का बहुत प्रभाव पड़ा। ये बच्चा भगत सिंह थे। 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया। उन्हें 24 मार्च, 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन एक दिन पहले ही चुपके से फांसी दे दी गई। फिर चुपके से दाह संस्कार भी कर दिया। जब भी पंजाब जाएं तो उन शहीदों को नमन करें।
2. गांधीजी ने संघर्ष और सृजन को एकसाथ करके दिखाया
- "10 अप्रैल, 1917 में गांधीजी ने चंपारण सत्याग्रह किया। आज हम गांधीजी और उनके चंपारण सत्याग्रह का आकलन नहीं कर सकते। 1915 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से आए थे। न देश उन्हें जानता था और न वे देश को। ये सत्याग्रह उनके संगठन कौशल को बताता है। उन्होंने कई बड़े नेताओं को चंपारण भेजा। गांधीजी ने संघर्ष और सृजन को एकसाथ करके दिखाया। गांधीजी ने सत्याग्रह के मायने समझाए।"
3. हफ्ते में एक दिन पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल छोड़ें
- मोदी ने कहा, "लाखों लोग निस्वार्थ भाव से समाज के शोषित, वंचितों के लिए कुछ करते नजर आते हैं। कई लोग रोज अस्पताल जाकर मरीजों की मदद करते हैं। ब्लड डोनेट करते हैं। जन सेवा यानी प्रभु सेवा हमारी रगों में है।"
- "125 करोड़ राह तय करें, न्यू इंडिया का सपना सच हो सकता है। जरूरी नहीं कि हर चीज सरकारी पैसे से हो। अगर हर नागरिक संकल्प करे कि अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा, एक दिन पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल नहीं करूंगा। इन छोटी-छोटी बातों से न्यू इंडिया बनेगा। भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को याद करें, चंपारण को याद करें। स्वराज से स्वराज तक की यात्रा शुरू करें।"
4. डिजिटल पेमेंन्ट पर जोर दें
- मोदी ने कहा, "देश के लोग बिना नकद कारोबार की तरफ बढ़ रहे हैं। डीमैट (भीम) अकाउंट को कुछ दिन में ही डेढ़ करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया है। कालेधन के खिलाफ आप वीर सैनिक बन सकते हैं। डिजिटल पेमेंन्ट पर जोर दें। 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जन्म जयंती पर डिजीधन का समापन होने वाला है। हमें तय करना है कि नोटों का इस्तेमाल कैसे कम हो।"
5. प्लेट में उतना खाना लें जितना आप खा सकें
- देहरादून से गायत्री नाम की बिटिया ने कहा, "मोदी सर लोगों को समझाना होगा कि नदी को कितना गंदा करते हैं। मैं चाहती हूं कि आपके माध्यम से लोग इसको जानें। स्वच्छता आंदोलन से ज्यादा आदत से जुड़ी होती है। गायत्री का संदेश हम सबके लिए संदेश बनना चाहिए। ज्यादातर लोगों ने फूड वेस्टेज पर चिंता जताई है। प्लेट भर लेते हैं फिर खा नहीं पाते और जूठन छोड़कर निकल जाते हैं। सोचिए, जूठन न छोड़ें तो कितने लोगों का पेट भर सकता है। इस विषय पर उदासीनता सामाजिक अपराध है। इस पर जागरूकता बढ़नी चाहिए। मैं कुछ लोगों को जानता हूं जो जूठन रोकने के लिए काम कर रहे हैं। जो लोग शरीर-स्वास्थ्य के लिए जागरूक होते हैं, वे कहते हैं- थोड़ा पेट खाली रखो, थोड़ी प्लेट भी खाली रखो।"
6. बच्चों का ख्याल रखें, डिप्रेशन से दूर रखें
-मोदी ने कहा, "7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस WHO डिप्रेशन के लिए मना रहा है। माता-पिता को कहना चाहूंगा कि बेटा-बेटी या परिवार का कोई सदस्य बाद में खाना खाता है या अकेला रहना चाहता है। ये डिप्रेशन का पहला कदम है। ऐसा न होने दें। उसे लोगों के बीच में रहने के लिए प्रेरित करें। डिप्रेशन कई शारीरिक-मानसिक बीमारियों का कारण बन जाता है। ये सारी क्षमताओं को ध्वस्त कर देता है। अगर अपनों के बीच आप खुलकर एक्सप्रेशन नहीं कर पाते। आसपास के लोगों की सेवा करने से आप अपने मन के बोझ को मुक्त कर सकते हैं। इसमें योग भी काफी मदद कर सकता है।"
7. विश्व योग दिवस की तैयारी शुरू कर दीजिए
- "21 जून को विश्व योग दिवस है। ये तीसरा साल है। इसकी तैयारी शुरू कर दीजिए। हेल्थ की बात निकली है तो माताओं-बहनों से कहना चाहता हूं। आज वे आगे निकल रही हैं। लेकिन उनके साथ घर की भी जिम्मेदारी होती है। इसको देखते हुए भारत सरकार ने वर्किंग वुमन को 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव देने का एलान किया है। इसकी वजह नवजात यानी देश के भविष्य का ध्यान रखना है। 18 लाख महिलाओं को इसका फायदा मिलेगा।"