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गन्ने के रस से पूर्ण हुई वर्षी तप की आराधना, हासामपुरा जैन तीर्थ में अक्षय तृतीया महोत्सव मना



उज्जैन। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर शनिवार सुबह 9 बजे से हासामपुरा स्थित श्री आलोकिक पाश्र्वनाथ जैन तीर्थ पर वर्षी तप पारणा महोत्सव आयोजित हुआ। 14 माह से जारी वर्षी तप आराधना के तपस्वियों ने गन्ने के रस से अपनी तपस्या पूर्ण की। इससे पूर्व सुबह 7.30 बजे श्री पाश्र्वनाथ प्रभु का गन्ने के रस से अभिषेक किया गया। जैन शास्त्र अनुसार मान्यता है कि प्रथम तीर्थंकर आदेश्वर प्रभु ने 14 वर्षों के कठिन तप के उपरांत अक्षय तृतीया पर ही इक्षु रस अर्थात गन्ने के रस से अपना उपवास खोला था। इसी निमित्त जैन समाज में सैकड़ों आराधक 14 माह की वर्षी तप आराधना करते हैं। जिसमे एक दिन उपवास और एक दिन भोजन होता है।
रतलाम निवासी उर्मिला विजय मूणत की आराधना निम्मित मूणत परिवार की ओर से भव्य महोत्सव आयोजित किया गया। मुनि प्रवर कीर्तिरत्न विजयजी व प्रशांत रत्न विजयजी महाराज की निश्रा में तीर्थ प्रांगण से तपस्वी के अनुमोदनार्थ वरघोड़ा भी निकला और साधर्मिक वात्सल्य आयोजित हुआ। इस दौरान मुनि प्रवर ने तपस्वी के अनुमोदनार्थ सभी को तप, आराधना, धर्म और मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर होने का संकल्प दिलाया। तीर्थ पेढ़ी ट्रस्टी अशोक जैन ट्रांसपोर्ट वाला के अनुसार 300 से अधिक उपस्थितजनों को गन्ने के रस का वितरण भी परंपरा स्वरूप किया गया। स्वागत भाषण ट्रस्टी राहुल कटारिया ने दिया व आभार ट्रस्ट कोषाध्यक्ष राजेंद्र बांठिया ने माना। इस अवसर पर प्रकाश नाहर, सुभाष कोठारी, सुनील चोपड़ा, बंटू जैन, माणकलाल जैन आदि मौजूद रहे।
पांच दिवसीय सम्यक ज्ञान संस्कार शिविर
हासामपुरा तीर्थ पर मुनिराज कीर्तिरत्न विजयजी मसा की निश्रा में पांच दिवसीय सम्यक ज्ञान संस्कार श्रेणी शिविर 11 मई से 15 मई तक आयोजित होगा जिसमें 9 वर्ष से अधिक उम्र के बालक बालिकाओं को धार्मिक शिक्षा व संस्कार प्रदान किए जाएंगे। शिविर दौरान ठहरने व भोजन की व्यवस्था तीर्थ परिसर में ही रहेगी। फार्म खाराकुआ पेढ़ी मंदिर और कांच के जैन मंदिर दौलतगंज पर उपलब्ध है।

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