पीएम मोदी ने तैयार किया ‘न्यू इण्डिया’ के लिए एक्शन प्लान, दिए मूल-मंत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नीति आयोग की बैठक में 'न्यू इंडिया' के लिए 15 साल के एक्शन प्लान का ऐलान किया. इसी के साथ देश में नेहरू युग से चले आ रहे पंचवर्षीय योजनाओं की व्यवस्था खत्म होना भी तय हो गया है. पीएम मोदी ने 15 साल के एक्शन प्लान के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था पर जोर दिया. इसके साथ ही नीति आयोग ने 15 साल में देश की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए 300 प्वाइंट भी सुझाए जिसपर सरकार की तमाम एजेंसियां काम करेंगी और प्रगति का जायजा नीति आयोग की बैठकों में लिया जाएगा.
ऐसे काम करेगा तीन स्तरीय एक्शन प्लान
नीति आयोग की बैठक में आयोग के वाइस प्रेसिडेंट अरविंद पनगढ़िया देश में तेजी से विकास के लिए एक रोडमैप भी पेश किया. पीएम मोदी ने कहा- 'GST से एक देश, एक संकल्प और एक चाहत की भावना का पता चलता है. 2022 तक सपनों को पूरा करें. नीति आयोग विकास के लिए 15 साल के विजन प्रोग्राम, 7 साल की मीडियम टर्न स्ट्रैटजी और 3 साल के एक्शन प्लान पर काम कर रहा है.'
विकास के लिए नीति आयोग के 300 मंत्र
न्यू इंडिया के लिए नीति आयोग ने 300 एक्शन प्वाइंट सुझाए हैं. अरविंद पनगढ़िया ने इसका ऐलान किया. 15 साल में देश के विकास की दिशा और दशा तय करने के लिए 300 मंत्रों पर सरकार काम करेगी. इन एक्शन प्वाइंट्स का अभी हालांकि खुलासा नहीं किया गया है. पनगढ़िया ने कहा कि 15 साल के एक्शन प्लान के लिए 300 सूत्रों का पहचान की गई है. जिसमें सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है. इसमें केंद्र और राज्य की वित्तीय जरूरतों और विकास की दिशा पर फोकस किया जाएगा.
वित्तीय वर्ष हो जनवरी से दिसंबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साथ ही वित्तीय सिस्टम में एक बड़े बदलाव का भी संकेत दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने वित्तीय वर्ष को जनवरी से दिसंबर का करने का समर्थन किया. अगर सरकार इस दिशा में आगे बढ़ती है तो बजट पेश करने, वित्तीय वर्ष की तारीखों और टैक्स रिटर्न फाइल करने की समयसीमा और सिस्टम में बड़े बदलाव होंगे. गौरतलब है कि इस साल पहली बार 1 फरवरी को बजट पेश किया गया था. पीएम ने कहा कि इससे बजट को लागू करने में आसानी हुई और उद्योग-धंधों को फायदा हुआ है.
1867 से लागू है वित्तीय वर्ष का ये सिस्टम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल से मार्च की बजाय वित्तीय वर्ष का कार्यकाल जनवरी से दिसंबर करने की वकालत कर रहे हैं. आपको बता दें कि भारत में 1867 में इस व्यवस्था की शुरुआत अंग्रेजी शासनकाल में हुई थी. इससे पहले 1 मई से वित्तीय वर्ष की शुरुआत होती थी.
ये लक्ष्य भी रखे गए सामने
पीएम मोदी ने सरकार, नीति आयोग और तमाम राज्यों के मिलेजुले सिस्टम को टीम इंडिया का नाम दिया था. नीति आयोग की बैठक में इसके अलावा देश के लिए 50 ओलंपिक मेडल जीतने, नॉर्थ-ईस्ट स्टेट्स के विकास, भूमि सुधार जैसे लक्ष्यों को भी सामने रखा गया. 15 सेक्टर्स खासकर कृषि, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल पेमेंट, विनिवेश, द्वीप विकास पर भी चर्चा हुई. नीति आयोग ने सबसे पिछड़े 100 जिलों की लिस्ट भी बनाई है. पीएम मोदी ने इस जिलों में विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा की परियोजनाओं पर युद्धस्तर पर काम करने का निर्देश दिया.
2030 तक 7250 अरब डॉलर की हो सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था
देश में 8 प्रतिशत सालाना वृद्धि दर के हिसाब से अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक तीन गुना से अधिक 7250 अरब डालर या 469 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. नीति आयोग ने यह अनुमान जताया है. फिलहाल डॉलर का मूल्य 64.65 रुपये होने के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2110 अरब डॉलर है. नीति आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संचालन परिषद की बैठक में भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार का अनुमान जताया. बैठक में 28 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने संवाददाताओं से कहा- हमारे जीडीपी का आधार बड़ा है. अगर हमारी वृद्धि अगले 15 साल औसतन 8 प्रतिशत रहती है, हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2030 तक (2015-16 की कीमतों पर) 469 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.