स्टेण्डअप योजना के अन्तर्गत 80 प्रकरण स्वीकृत हुए
उज्जैन । स्टेण्डअप योजना के अन्तर्गत उज्जैन जिले में अब तक 80 प्रकरण स्वीकृत हुए हैं। इनमें से 45 प्रकरणों में बैंकों द्वारा ऋण वितरित कर दिये गये हैं। इन प्रकरणों को अल्प समय में स्वीकृत करने की जो प्रक्रिया अपनाई गई है, उसकी स्पॉट स्टडी करने केन्द्र की टीम उज्जैन आयेगी। स्टेण्डअप योजना के अन्तर्गत युवा उद्यमियों को ग्रीनफिल्ड प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न उद्यमों के लिये आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है।
कलेक्टर ने स्टेण्डअप योजना की समीक्षा करने के लिये आज मेला कार्यालय में बैंक अधिकारियों की बैठक ली तथा निर्देश दिये कि योजना का प्रचार-प्रसार करने के लिये प्रत्येक बैंक ब्रांच के अन्दर एवं बाहर फ्लेक्स लगाये जायें। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा है कि प्रत्येक ब्रांच में मुद्रा योजना का एक विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी पृथक से नामांकित कर बैठाया जाये। साथ ही सभी स्टेण्डअप के हितग्राहियों को रूपे कार्ड भी जारी किया जाये। कलेक्टर ने स्टेण्डअप योजना के अन्तर्गत स्वीकृत ऋण प्रकरणों में हितग्राही एवं हितग्राही के साथ जुड़े हुए अन्य कर्मचारियों के लिये कन्वर्जेंस के तहत प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा एवं जीवन ज्योति योजना के तहत बीमा करने के निर्देश भी दिये हैं। कलेक्टर ने सभी शाखा प्रभारियों को क्षेत्र भ्रमण कर स्टेण्डअप प्रोजेक्ट का अवलोकन करने को कहा है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री बसन्त कुर्रे, एलडीएम श्री आरके तिवारी, उद्योग विभाग के श्री अशोक मेहता, नाबार्ड के श्री दीपक घोरपड़े एवं विभिन्न बैंकों के समन्वयक मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि स्टेण्डअप इंडिया योजना का उद्देश्य बैंक शाखा द्वारा कम से कम एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को नई (ग्रीन फील्ड) परियोजना की स्थापना के लिये 10 लाख से एक करोड़ के बीच बैंक ऋण प्रदान करना है। ये उद्यम विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र से सम्बन्धित हो सकते हैं। गैर व्यक्ति उद्यम के मामले में 51 प्रतिशत शेयरधारिता या नियंत्रक हिस्सेदारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति या महिला उद्यमी के पास होना चाहिये।
यह ऋण सम्मिश्र होंगे अर्थात ये ऋण संयंत्र और मशीनरी तथा कार्यशील पूंजी की आस्ति सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये दिये जायेंगे। इसमें परियोजना लागत के 75 प्रतिशत भाग को समाहित किया जायेगा और ब्याज दर बैंक द्वारा उस श्रेणी (रेटिंग) के लिये निर्धारित सबसे कम दर (आधार दर ‘एमसीएलआर’+3 प्रतिशत+टेनर प्रीमियम) से अधिक नहीं होगी। यह ऋण 18 माह के अधिस्थापना अवधि के साथ अधिकतम 07 वर्ष में प्रतिदेय होगी। कार्यशील पूंजी घटक के संचालन को सक्षम बनाने के लिये एक रूपे कार्ड जारी किया जायेगा।
स्टेण्डअप इंडिया योजना के अन्तर्गत आवेदकों को संपार्शिवक (कोलेटरल) प्रतिभूति से मुक्त ऋण उपलब्ध कराये जाते हैं। इस योजना में 25 प्रतिशत मार्जिन मनी राशि का प्रावधान है जो पात्र केन्द्रीय/राज्य योजनाओं के रूपान्तरण से उपलब्ध कराया जा सकता है। मार्जिन मनी राशि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये ऐसे सभी मामलों में उधारकर्ताओं को परियोजना लागत का
न्यूनतम 10 प्रतिशत अपना अंशदान लाना अपेक्षित है। स्टेण्डअप सम्पर्क केन्द्र www.sidbi.in है। विस्तृत जानकारी के लिये जिला अग्रणी बैंक महाप्रबंधक से 0734-2515289 पर सम्पर्क किया जा सकता है।