पर्यावरण मंत्री श्री आर्य ने किया 'कंडों की होली' का स्वागत
उज्जैन । पर्यावरण, पशुपालन, मत्स्य-पालन, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री अन्तर सिंह आर्य ने समाचार-पत्रों में छपे 'आओ जलायें कंडों की होली' की पहल के समाचार की प्रशंसा की है। श्री आर्य ने कहा है कि पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि आने वाली पीढ़ियों के लिये धरा को सुरक्षित रखने के सार्थक प्रयास करें।
श्री आर्य ने कहा भारतीय संस्कृति में होलिका दहन की परम्परा बहुत प्राचीन है। पहले जब आबादी कम थी, जंगल घने थे तब समाज के लोगों ने जंगलों में गिरी हुई सूखी लकड़ियों को चुन कर होलिका दहन शुरू किया था। तब पर्यावरण की चुनौतियाँ हमारे सामने नहीं थी। आज वृक्षों की संख्या में कमी आने के साथ आबादी काफी बढ़ चुकी है। होलिका दहन के लिये हरे-भरे वृक्ष काटने से पर्यावरण संकट गहरायेगा। इससे बचने के लिये गोबर के कंडों का होलिका दहन एक सार्थक पहल है।
गोबर के कंडों से होली जलाने से गौ-शालाओं को अतिरिक्त आमदनी होगी। कंडों की होली से वातावरण शुद्ध होगा और गौ-वंश संवर्द्धन का पुण्य काम भी होगा।