एक लाख से अधिक ग्रामीण बसाहटों में मिल रहा 55 लीटर प्रति व्यक्ति पेयजल
11 साल में 2 लाख से अधिक हेंडपम्प स्थापित
उज्जैन । मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिये विभिन्न योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की कुल एक लाख 27 हजार 552 बसाहटों में से एक लाख 7 हजार 708 बसाहट में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल की व्यवस्था की जा चुकी है। शेष 19 हजार 844 बसाहट में 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पीने के पानी के सप्लाई की व्यवस्था की गई है, जिसे बढ़ाकर 55 लीटर के मान से किये जाने के प्रयास हो रहे हैं।
प्रदेश की ग्रामीण बसाहटों में पिछले 11 साल के दौरान लगभग 2 लाख 11 हजार हैण्ड पम्प स्थापित कर पेयजल उपलब्ध करवाया गया है। इसी तरह लगभग 53 हजार ग्रामीण शालाओं में भी पीने के पानी के इंतजाम किये गये। साल 2005 में 6,694 नल-जल योजना वाले बड़े ग्रामों में अब 15 हजार 129 योजनाएँ चल रही हैं। पिछले 11 सालों में लगभग 8,435 नल-जल योजना के कार्य पूरे किये गये।
फ्लोराइड की अधिकता की समस्या वाले कुछ जिलों और उनकी बसाहटों में वैकल्पिक योजनाओं के माध्यम से शुद्ध पेयजल की योजनाओं के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जा रही है। राज्य सरकार की पहल पर लगभग 8,406 बसाहटों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है। परम्परागत पेयजल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के कार्य भी करवाये जा रहे हैं। भारत सरकार के नये मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार हेंडपम्प योजनाओं से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन एवं नल-जल योजनाओं के माध्यम से 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पेयजल प्रदाय निर्धारित किया गया है। अधिक से अधिक घरेलू नल कनेक्शन द्वारा ग्रामीण आबादी को पेयजल उपलब्ध करवाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
"नल से जल, आज और कल" अभियान में बंद नल-जल योजनाओं को ग्राम पंचायतों द्वारा चालू करवाया जा रहा है। इनमें वे योजनाएँ शामिल हैं, जिन पर 2 लाख रुपये से कम राशि व्यय होती है। यह राशि संबंधित पंचायत को उपलब्ध करवा दी गई है। ऐसी बंद योजनाएँ, जिनपर 2 लाख रुपये से अधिक राशि के व्यय की संभावना है, उन्हें सुधरवा कर पुन: चालू करवाया जायेगा। ऐसी योजनाओं का संचालन और संधारण दो साल तक करने के बाद ग्राम पंचायतों को चालू स्थिति में हस्तांतरित किया जायेगा।
सतही स्रोत आधारित वृहद समूह नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए गठित मध्यप्रदेश जल निगम के माध्यम से 17 जिलों में 20 समूह जल-प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से 768 ग्राम की 11 लाख 86 हजार जनसंख्या को लाभ मिलेगा।