मृत मां के 12 साल के बच्चे की मदद करने पर नर्सें हुई नाराज
मदद करने वाली महिला को नर्सों ने कहा ऐसा इंजेक्शन लगाउंगी कि हमेशा के लिए सो जाएगी
उज्जैन। जिला चिकित्सालय में रूपये मांग कर इलाज कराने की शिकायतें तो कई सामने आई हैं लेकिन इस बार जिला चिकित्सालय की नर्सों ने ऐसा कारनामा किया कि जिसने सुना वह गुस्से से भर गया। 12 वर्षीय पुत्र के साथ इलाज कराने आई महिला की मौत के लिये जब अस्पताल में भर्ती सभी मरीज और उनके परिजनों ने एकजुट होकर मदद को हाथ बढ़ाया तो नर्सों ने उन्हें तमाशा बंद कर वहां से हट जाने को कहा। वहीं इस मदद में अगुवाई करने वाली महिला को धमकी दे डाली की तुझे बीमारी के कारण नींद नहीं आती न, ऐसा इंजेक्शन लगाउंगी के हमेशा के लिए सो जाएगी।
शनिवार-रविवार की दरमियानी रात राजगढ़ के समीप पिपलोन निवासी केसरबाई पति रघुनाथ की मौत हो गई। 3 दिन पहले उसके परिजन खून की कमी के चलते यहां भर्ती करने लाए थे और छोड़कर चले गए। उसका 12 वर्षीय पुत्र महेश उसकी सेवा कर रहा था। केसरबाई की मौत हो जाने पर अकेला महेश उसकी लाश के पास रो रहा था। उसके पास मां की लाश को ले जाने के लिए न कोई व्यवस्था थी और न ही रूपये। ऐसे में अस्पताल में 4 दिनों से भर्ती हाथीपुरा निवासी संतोष बाई ने समाजसेवी अनिल डागर को उसकी मां का शव राजगढ़ पहुंचाने के लिए मदद मांगी। डागर ने मदद का भरोसा दिलाया। वही उसकी मदद के लिए लोगों से कहा सभी मरीजों तथा परिजनों ने मिलकर 800 रूपये इकट्ठे किये और मृतका केसरबाई के पुत्र को वह रूपये दे दिये। वहीं रात्रि कालीन ड्यूटी पर मौजूद नर्स आशा और ज्योति ने जब शव के आसपास भीड़ देखी तो चिल्ला पुकार करने लगी। जब उन्हें कहा गया कि इसकी मदद कर रहे हैं तो वह मदद में सहयोग कि बजाए कहने लगी यहां नेतागिरी मत करो जिसकी मां मरी है वह ले जाएगा जैसे चाहे। इस पर संतोषबाई तथा अन्य मरीज, परिजनों ने कहा आप भिजवा दो महिला की लाश को घर। दोनों नर्सों ने कहा हमने ठेका नहीं ले रखा। इस पर नर्सों में और जिला चिकित्सालय में मरीजों में बहस हुई। दोनों नर्सें वहां से गई और संतोषबाई को कमरे में बुलाया। जब संतोषबाई वहां गई तो उन्हें कहा तुम्हे बहुत नेतागिरी चढ़ी है। तुम्हे बीमारी के कारण नींद नहीं आती न, ऐसा इंजेक्शन लगाउंगी कि हमेशा के लिए सो जाओगी। जाओ मुख्यमंत्री से शिकायत कर दो।
नर्सों की शिकायत करेंगे कलेक्टर को
सुबह समाजसेवी अनिल डागर ने मदद कर मृतका केसरबाई के शव को उसके पुत्र के साथ राजगढ़ स्थित पिपलोन पहुंचवाया। साथ ही डागर ने कहा कि नर्सों का रवैया बेहद खराब था। खुद तो 12 साल के बच्चे की कोई मदद नहीं कर रहे, कोई जब गरीब मरीज मदद करने आगे आया तो उसे धमकाया जा रहा है। डागर के अनुसार दोनों नर्सों की कलेक्टर को शिकायत करेंगे।
अस्पताल में मौजूद ऋषिनगर निवासी राकेश के अनुसार महिला की मौत के बाद हम लोग उसके लड़के को समझा रहे थे और उसकी मदद के लिए इंतजाम में लगे थे। इतने में नर्से आई और कहा कि यहां भीड़ क्यों लगा रखी है। तुम हटो यहां से वो जैसे चाहे ले जाएगा तुम लोग किसी के लिए पैसे इकट्ठे नहीं कर सकते।
नगरकोट निवासी आशाबाई के अनुसार किसी की मदद करना कोई बुरी बात तो नहीं लेकिन नर्सों ने किसी के मरने पर ऐसा व्यवहार किया गलत किया।
आगर नाका निवासी ताराबाई के अनुसार जब सभी ने मदद करने की कोशिश की तो नर्सों ने कहा कि तेरको क्या मतलब है इससे। तुम क्यों नेतागिरी कर रहे हो। उसे कमरे में बुलाया और धमकाने लगी।