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भगवान महाकाल के दर्शन कर निहाल हुए दिव्यांग, प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना की



उज्जैन |  शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल के दर्शन के लिये श्रद्धालुओं का तांता सवेरे से ही लगा हुआ था। ऐसे में इतनी भीड़ में दिव्यांगजनों के लिये भगवान महाकाल के दर्शन करना उन्हें कठिन लग रहा था। प्रशासन की ओर से भस्म आरती प्रवेश द्वार से दिव्यांगजनों को भगवान के दर्शन की व्यवस्था की गई थी।

   सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण के संयुक्त संचालक श्री महेश पाण्डेय ने जानकारी दी कि प्रशासन की ओर से दिव्यांगजनों की सुविधा के लिये महाशिवरात्रि पर्व को ध्यान में रखते हुए पांच पाइंट बनाये गये हैं। प्रत्येक पाइंट पर पांच-पांच व्हील चेयर भी रखी गई है। भस्म आरती प्रवेश द्वार पर भी लगभग 12 से 15 व्हील चेयर दिव्यांगों की सुविधा के लिये उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही स्काउट गाइड भी रखे गये हैं, जो दिव्यांगजनों को सरलता से व्हील चेयर के माध्यम से भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करवा कर उन्हें पुन: निकास तक छोड़कर आयेंगे।

   उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि पर्व पर दूर-दराज के क्षेत्रों से श्रद्धालुगण भगवान महाकाल के दर्शन के लिये आये थे। इनमें कई दिव्यांगजन भी शामिल थे। प्रशासन की ओर से कराई गई इस व्यवस्था से भगवान महाकाल के दर्शन कर दिव्यांगजन निहाल हो गये और उन्होंने खुले मन से प्रशासन की सराहना की। चाहे स्थानीय शहर के महानन्दा नगर निवासी दिनेश मालवीय, अवन्तिपुरा निवासी जगदीश सावड़े, दुर्गेश, गौरी, निर्मला रमन या गोपालकृष्ण सोनी हों अथवा नजदीक या दूर के शहरों से आये दिव्यांगजन सभी के चेहरे पर संतोष की झलक साफ दिखाई दे रही थी।

   राजस्थान से आये दिव्यांग सुनील पावटा ने बताया कि वे काफी सालों से महाशिवरात्रि के दर्शन के लिये उज्जैन आ रहे हैं और प्रशासन की ओर से इस बार की गई व्यवस्था बेहद अच्छी है। कुछ यही राय नागदा निवासी प्रकाश, पुणे निवासी चन्द्रसेन मोढ़े और उदयपुर निवासी गोविन्द तथा मोहनलाल व उषाबाई की भी थी। दिल्ली से आई निर्मलादेवी और बैतूल से आये आनन्दराव ने बताया कि वे पहली बार शिवरात्रि पर उज्जैन आये हैं और यहां उनका बहुत अच्छा अनुभव रहा है। दिव्यांगजनों के लिये प्रशासन की ओर से जगह-जगह प्राथमिक चिकित्सा के काउंटर और एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी।

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