भगवान महाकाल ने दिये के ताण्डव स्वरूप में दर्शन
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में 16 फरवरी से 24 फरवरी तक शिवनवरात्रि उत्सव मनाया जा रहा हैं तथा दिनांक 24 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जावेगा। आज 23 फरवरी शिवनवरात्रि के अष्टम दिवस को प्रातः श्री महाकालेश्वर मंदिर के नेवैद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का पूजन किया गया तथा कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव के पूजन के पश्चात शासकीय पुजारी पं.श्री घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया तथा सायं पूजन के पश्चात बाबा श्री महाकाल को नवीन वस्त्र धारण करवाये गये, साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर ने श्री शिव-ताण्डव स्वरूप में दर्शन दिये। श्रृंगार कर बाबा को हरे रंग के वस्त्र धारण कराये गये। साथ ही चाॅदी की नरमुण्ड माला, कुण्डल, चन्द्रमा साथ-साथ फलों की मालाधारण करायी गयी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रागंण में 16 फरवरी से 25 फरवरी तक शिवनवरात्रि निमित्त सन् 190़9 से कानडकर परिवार, इन्दौर द्वारा वंशपरम्परानुगत हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है, इसी तारतम्य में कथारत्न हरि भक्त परायण पं. श्री रमेश कानडकर जी के शिव कथा, हरि कीर्तन का आयोजन सायं 04ः00 से 06ः00 बजे तक मन्दिर परिसर मे नवग्रह मन्दिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर हो रहा है। 24 फरवरी को शिवरात्रि पर्व होने से कथा नही होगी। 25 फरवरी को सायं 04ः00 बजे कथा का समापन होगा।