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महाशिवरात्रि पर प्रशासन ने महिलाओं को हरिओम जल चढ़ाने से रोका


उज्जैन। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि महापर्व पर वह सब हो गया जो अब तक नहीं हुआ। बाबा महाकाल को सबसे पहले चढ़ने वाला हरिओम जल महिलाएं नहीं चढ़ा पाई। महिलाएं रो पड़ी, काली पट्टी बांधकर प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। वहीं मीडियाकर्मियों को कवरेज करने से रोक दिया। कहा यहां मीडिया की जरूरत नहीं। जब मीडियाकर्मियों ने प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए तो कलेक्टर ने माफी मांगकर चार लोगों को कव्हरेज के लिए भेजा लेकिन अपर कलेक्टर रानी बंसल ने हठधर्मिता का निर्वाह करते हुए कलेक्टर के आदेश को भी मानने से इंकार कर दिया और सभी को बाहर कर दिया। नाराज मीडियाकर्मियों ने कव्हरेज करने से इंकार कर बहिष्कार कर दिया साथ ही गृहमंत्री को इस मामले में शिकायत कर दी गई। अधिकारियों की आपसी लड़ाई में आम जनता महाशिवरात्रि पर्व पर फुटबाल बन गई और दर्शन के लिए इधर से उधर धकियाती रही। सबसे पहला वज्रपात महाकाल की परंपरा को तोड़कर अधिकारियों ने किया। यहां हरिओम जल चढ़ाई आने वाली महिलाओं को जल नहीं चढ़ाने दिया और धक्के देकर बाहर कर दिया। रोती बिलखती महिलाओं ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। वहीं मीडियाकर्मियों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया। सभी मीडियाकर्मियों ने कलेक्टर संकेत भोंडवे से मुलाकात की उन्होंने दो लोगों को जाने को कहा जिस पर मीडियाकर्मी मान गए। दो लोग नीचे गए तो अपर कलेक्टर रानी बंसल ने रोक दिया। कहा मुझे कोई मतलब नहीं कि आपको किसने आने को कहा मैं नहीं जानती किसी को मैं किसी को नहीं जाने दूंगी। मीडियाकर्मी मंदिर प्रांगण में वापस लौट आए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करनी प्रारंभ कर दी। कलेक्टर को पता पड़ा तो वे आए और माफी मांगते हुए फिर चार लोगों को नीचे भेजा तो रानी बंसल ने फिर रोक दिया। इस बार भी कहा कि कलेक्टर ने कहा है तो उन्होंने वही जवाब दिया कि मुझे किसी से कोई मतलब नहीं आप मंदिर में नहीं जाओगे। नाराज होकर मीडियाकर्मी वापस लौट आए और कव्हरेज का बहिष्कार कर दिया। मीडियाकर्मियों ने इस संबंध में गृहमंत्री को शिकायत की जिस पर उन्होंने अधिकारियों पर उचित कार्रवाई करने हेतु आश्वस्त किया।

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