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पेयजल की गुणवत्ता का स्तर बेहतर रखें राज्य अनुसंधान प्रयोगशाला में जल परीक्षण सुविधा



उज्जैन  । पीएचई मंत्री सुश्री कुसुम महदेले ने कहा है कि पीने के पानी की गुणवत्ता का स्तर बेहतर होना चाहिये। पेयजल की जाँच एवं अनुसंधान की प्रक्रिया निरंतर जारी रहे। 

सुश्री कुसुम महदेले ने कहा कि लोगों को स्वच्छ पेयजल मिले, इसकी जिम्मेदारी विभाग की भी है। उन्होंने बताया कि राज्य अनुसंधान प्रयोगशाला प्रदेश की एकमात्र जल परीक्षण प्रयोगशाला है, जिसमें शासकीय ग्रामीण पेयजल स्रोतों का नि:शुल्क एवं निजी पेयजल स्त्रोतों का स:शुल्क तथा सीवेज संबंधी प्रमुख घटकों का परीक्षण किया जाता है। साथ ही जल-उपचार के उपयोग में आने वाले रसायनों की शुद्धता की जाँच की जाती है। इसके अलावा नगरीय निकायों, केन्द्र और राज्य शासन के विभागों द्वारा भी जल-गुणवत्ता संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिये प्रयोगशाला से मार्गदर्शन लिया जाता है। यह सभी कार्य आमजन से जुड़े तथा महत्वपूर्ण हैं।

प्रमुख अभियंता श्री जी.एस. डामोर ने बताया कि जल एवं मल-जल परीक्षण के लिये वर्ष 1960 में इस प्रयोगशाला की स्थापना की गयी थी। इसका मुख्य उद्देश्य जल-गुणवत्ता के क्षेत्र में मार्गदर्शन के साथ-साथ विशिष्ट पैरामीटर्स का परीक्षण करना भी था। वर्तमान में प्रयोगशाला में तापमान, टरबिडिटी, कलर, पीएच, कंडक्टिविटी, एलकेलिनिटी, क्लोराइड, हार्डनेस, टोटल हार्डनेस, केल्शियम्, मेग्नीशियम, नाइट्रेट, आयरन, मैगनीज, सल्फेट, फ्लोराइड, आर्सेनिक, प्योरिटी ऑफ केमिकल्स आदि का परीक्षण किया जाता है। प्रयोगशाला को राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्रमाण-पत्र दिया गया है।

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