भगवान महाकाल ने शिवनवरात्रि के तीसरे दिन घटाटोप रूप में दर्शन दिये
उज्जैन । शिव नवरात्रि के तीसरे दिन 18 फरवरी को सायं पूजन के पश्चात भगवान महाकाल ने श्री घटाटोप स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिये। इसके पूर्व प्रातः शासकीय पुजारी श्री घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राम्ह्णों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया तथा सायं पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकाल को नवीन लाल रंग के वस्त्र धारण करवाये गये। इसके अतिरिक्त मुकुट, मुण्ड माला एवं फलों की माला पहनाई। रविवार 19 फरवरी को भगवान महाकाल छबीना स्वरूप में दर्शन देंगे।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रागंण में 16 फरवरी से 25 फरवरी तक शिवनवरात्रि निमित्त सन् 190़9 से कानडकर परिवार, इन्दौर द्वारा वंशपरम्परानुगत हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है, इसी तारतम्य में कथारत्न हरि भक्त परायण पं. श्री रमेश कानडकर जी के शिव कथा, हरि कीर्तन का आयोजन सायं 04ः00 से 06ः00 बजे तक मन्दिर परिसर मे नवग्रह मन्दिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर हो रहा है। आज पं.श्री कानडकर जी ने गौड बंगाल के राजा श्री गोपीचन्द्र की माता मैनावती द्वारा बाबा जालंधर नाथ को अपना गुरू बनाने की कथा का वर्णन किया। तबले पर संगत श्री तुलसीराम कार्तिकेय ने की।
शिवनवरात्रि पर्व होने से 16 फरवरी से 24 फरवरी तक प्रातः 09ः15 से प्रातः 10ः30 की आरती समाप्त होने तक तथा अपरान्हः 03ः00 से 05ः00 बजे तक पूजन एवं श्रृंगार के समय एवं नियमित आरती के दौरान गर्भगृह में प्रवेश बंद रहेगा, इस समय दर्शनार्थी नंदीहॉल के पीछे बैरीकेट्स से दर्शन कर सकेगे ।