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नर्मदा नदी के 100 किलोमीटर की परिधि में जल-परिवहन शुरू होगा


 

उज्जैन | मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा नदी की 100 किलोमीटर की परिधि में जल-परिवहन शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 31 मार्च के बाद नर्मदा तट के 5 किलोमीटर परिधि की शराब की दुकानें बंद कर दी जायेंगी। श्री चौहान ने यह भी कहा कि अब रेत का अवैध उत्खनन करने पर पकड़े गये वाहनों को राजसात कर लिया जायेगा। श्री चौहान आज "नमामि देवि नर्मदे''''''''-सेवा यात्रा के दौरान बड़वानी जिले के ग्राम मोहीपुरा के नर्मदा तट पर जन-संवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सपत्नीक यात्रा की अगवानी की और यात्रियों का स्वागत किया।

    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी भारत की हृदय-रेखा है। नर्मदा संस्कृति की जीवन-धारा है। इस नदी के तट पर अनेक सभ्यता और संस्कृतियों ने जन्म लिया है। अमरकंटक से शुरू होकर अरब सागर तक 1000 किलोमीटर से अधिक का सफर माँ नर्मदा करती हैं। इसकी 41 सहायक नदियों में से 39 नदियाँ मध्यप्रदेश की सीमा में हैं। प्रदेश की लगभग 30 प्रतिशत आबादी नदी के तट पर बसती है। उन्होंने कहा कि इसलिये हम सबका दायित्व है कि हम माँ नर्मदा का संरक्षण करें, उसका विस्तार कर प्रदूषण से मुक्त करें और नर्मदा की विशाल विरासत को आने वाली पीढ़ी के लिये सहेज कर रखें।

        मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी के संरक्षण और स्वच्छता के लिये चल रही यात्रा अब जन-आंदोलन बन गयी है। लोगों को वृक्षों का महत्व समझाने की कोशिशें सफल हो रही हैं। लोग इस बात को भी समझ रहे हैं कि खुले में शौच नहीं करना है और "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'''''''' को अपनाना है। श्री चौहान ने कहा कि नदी के दोनों तट पर बड़ी संख्या में हो रहे पौध-रोपण से न सिर्फ शुद्ध वातावरण मिलेगा, बल्कि अतिरिक्त आमदनी का साधन भी उपलब्ध होगा। प्लास्टिक की थैलियों पर पाबंदी लगाने का भी निर्णय लिया गया है। श्री चौहान ने कहा कि तट के एक किलोमीटर दूरी के गाँव में किसानों की जमीन पर पौध-रोपण के लिये 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तीन वर्ष तक अनुदान और लागत में 40 प्रतिशत की सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि मिल्क-रूट की तरह फ्रूट-रूट भी बनाये जायेंगे। इसके लिये सरकार द्वारा सबसिडी दी जायेगी।

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