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समझौते के लिए बार-बार दर्ज करवा रहे फरियादी के खिलाफ झूठे प्रकरण



चाकू मारने की बात भी निकली झूठी, मां बहन ने झूठा छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज करवाया
उज्जैन। पिछले दिनों इंजीनियरिंग कॉलेज के पास हुई मारपीट के मामले में घायल द्वारा भाजयुमो नेताओं पर चाकू मारने का झूठा आरोप लगाने वाले योगेन्द्र नानेरिया तथा उसकी मां के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा उपाध्यक्ष कमल सहलानी ने बार-बार झूठे प्रकरण दर्ज कराने के प्रयास करने का आरोप लगाया है। दर्शन ठाकुर, रविन्द्र ठाकुर, योगेन्द्र नानेरिया 307 के मामले में आरोपी है, प्रकरण के समझौते के लिए दबाव बनाने के लिए आए दिन झूठी शिकायतें कर रहे हैं। कांग्रेस नेता नूरी खान भी मामले में समझौता करने के लिए दबाव बना रही है। वहीं इसी मामले में माधवनगर थाने के हिस्ट्रीशीटर चीकू वाडिया ने 4 दिन पहले 307 मामले के गवाह पियुष रघुवंशी के घर पर हमला किया था। योगेन्द्र की मां कुसुम नानेरिया झूठे प्रकरण दर्ज कराने को लेकर बार बार दबाव बना रही है। इन सब झूठे प्रकरणों को लेकर पुलिस को आवेदन दे रखा है लेकिन कांग्रेस नेताओं के दबाव में पुलिस कार्यवाही नहीं कर रही।

भाजयुमो उपाध्यक्ष कमल सहलानी के अनुसार दर्शन ठाकुर, रविन्द्र ठाकुर, योगेन्द्र नानेरिया ने 23 मई 2016 को मुझे चाकू मारकर घायल कर दिया गया था। जिसकी रिपोर्ट नानाखेड़ा थाने में दर्ज है। इस केस में राजीनामे का दबाव बनाया गया। राजीनामा नहीं किया तो इन्हीं लोगों ने 12 अगस्त 2016 को मुझ पर धारदार हथियार से जान से मारने की नियत से हमला किया था। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 307 में नानाखेड़ा थाने में प्रकरण दर्ज किया गया था। तभी से ये लोग इन प्रकरणों में राजीनामा करने के लिए दबाब बना रहे थे, नहीं मानने पर झूठे प्रकरणों में फंसाने की धमकी दी जाने लगी। मैने 20 सितंबर 2016 को एसपी को आवेदन दिया था कि ये लोग प्रकरण में समझौता करने के लिए मुझे जान से मार देंगे या किसी भी झूठे मुकदमे में फंसा देंगे। इसके बाद आरोपियों की ओर से मुझे धमकी दी गई जिसका आवेदन 5 अक्टूबर 2016 को थाना प्रभारी नानाखेड़ा को दिया लेकिन उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

लड़की कोई और भगा ले गया, जेल मैने काटी
30 नवंबर 2016 को रात 11 बजे मेरे घर पुलिस आई और मुझे दो कांस्टेबलों ने कहा कि तुम्हे साहब थाने बुला रहे हैं। मैं जब थाने गया तो मुझे वहां बैठा लिया गया और मुझसे कहा कि तुमने ज्ञानवी शिन्दे का अपहरण कर लिया है। मेरे लाख मना करने पर भी मुझ पर अपहरण की कार्यवाही कर मुझे कोर्ट में पेश कर दिया गया जहां से मुझे जेल पहुंचा दिया गया। जबकि इस मामले में जिस लड़के वसीम के द्वारा लड़की को ले जाने का मामला सामने आया था वह मेरा स्कूल का दोस्त था। यह बात दर्शन ठाकुर जानता था। ज्ञानवी का घर योगेन्द्र के समीप ही है। दर्शन के कहने पर योगेन्द्र ने ज्ञानवी के परिजनों से कमल का नाम लिखवा दिया। जिसमें लिखाया कि मैं मेरी गाड़ी से दोनों को लेकर भागा हूं। जबकि मेरे पास कोई गाड़ी ही नहीं।

जेल में था और छेड़छाड़ की शिकायत कर दी
कमल के अनुसार वह उस झूठे प्रकरण में जेल में ही था तब योगेन्द्र नानेरिया की मां और बहन के द्वारा मेरे व मेरे गवाहों के खिलाफ छेड़छाड़ का आवेदन हरिजन थाने में दिया गया। इस आवेदन की जांच करने पहुंचे अधिकारी जब मेरे घर पहुंचे तो घर वालों ने उन्हें बताया कि वह तो जेल में है। योगेन्द्र की बहन और मां ने झूठा आवेदन देकर हमें फंसाकर दबाव बनाने का प्रयास किया था। योगेन्द्र नानेरिया द्वारा 12 फरवरी को फिर एक झूठी रिपोर्ट डालकर मुझे व मेरे केस में गवाहों को झूठा फसाने की कोशिश की गई। 

जयंत गरूड़ का झगड़े से कोई लेना-देना नहीं
कमल सहलानी ने बताया कि हमारे मामले से भाजयुमो नेता जयंत गरूड़ का कोई लेना देना नहीं। जयंत गरूड़ हमारा परिचित है लेकिन वह किसी झगड़े में शामिल नहीं। राजनैतिक कारणों से उसका नाम हमारे साथ जोड़कर हमें फसाने की कोशिशें की जा रही हैं। कमल के अनुसार वह बी.ए. प्रथम वर्ष का छात्र है, पढ़ाई के सिलसिले में रोजाना कॉलेज जाना पड़ता है। यह लोग या तो मेरी हत्या कर देंगे या फिर मुझे व मेरे साथ पियुष रघुवंशी, जयंत गरूड़ को किसी बड़े अपराध में झूठा फंसा देंगे। क्योंकि पूर्व में एक अपहरण के झूठे केस में फसा दिया गया है।

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