मैदानी कार्यकर्ताओं को चैम्पियंस का खिताब दिया गया, मुख्यमंत्री स्वच्छता सम्मान आयोजित
उज्जैन । बुधवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री स्वच्छता सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें जिला पंचायत द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत मैदानी कार्यकर्ताओं को चैम्पियंस का खिताब दिया गया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वच्छता अभियान में अच्छा कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रत्येक माह की 15 तारीख को जिला मुख्यालय पर सम्मानित करने का निर्णय लिया है। कार्यक्रम में उज्जैन जिले की सभी जनपदों से स्वच्छ भारत अभियान में प्रशंसनीय कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मानस्वरूप टोपी, जैकेट और प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्री महेश परमार ने की। इस दौरान उपाध्यक्ष श्री भरत पोरवाल, सीईओ जिला पंचायत श्री सुजानसिंह रावत और स्वच्छ भारत मिशन की जिला समन्वयक अधिकारी श्रीमती कविता उपाध्याय मौजूद थीं।
कार्यक्रम की रूपरेखा सीईओ श्री रावत ने प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सम्पूर्ण जिले को खुले में शौच से मुक्त करना है। ये जो अभियान है यह एक जनचेतना का अभियान है। आम जनता के सहयोग के बिना इसे सफल नहीं बनाया जा सकता है। खुले में शौच से बच्चों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। हमारे मैदानी कार्यकर्ताओं ने एक मिशन के तौर पर इसे लिया है और हर रोज प्रात:काल सभी ग्राम पंचायतों में जाकर लोगों को समझाईश दी जा रही है कि खुले में शौच से क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं। कार्यकर्ताओं द्वारा टीम बनाकर शौचालय निर्माण हेतु लोगों को प्रेरणा दी जा रही है। उन्होंने अपनी ओर से सभी को शुभकामनाएं दी।
श्री रावत ने कहा कि शौचालय निर्माण या ओडीएफ घोषित होने के पश्चात भी हमें सतत यह प्रयास करने चाहिये कि शौचालय का वास्तव में उपयोग ग्रामीणजनों द्वारा किया जाये। बताया गया कि उज्जैन जिले के तीन विकास खण्ड घट्टिया, महिदपुर और उज्जैन ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। तराना में केवल तीन ग्राम पंचायतें शेष बची हैं। वहीं घट्टिया और खाचरौद में विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यकर्ताओं द्वारा खुले में शौच करने से रोककर महिलाओं के सम्मान के लिये भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। ओडीएफ घोषित होने के उपरान्त उसे बनाये रखना भी उतना ही जरूरी है।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री महेश परमार ने कहा कि खुले में शौच की कुरीति को जो युद्धस्तर पर अभियान चलाकर पूर्णत: खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, वह बेहद प्रशंसनीय है। सभी मैदानी कार्यकर्ता इसके लिये बधाई के पात्र हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत आप लोग एक सैनानी की तरह कार्य कर रहे हैं और एक जज्बे व प्रेरणा के साथ लोगों के शौचालय निर्माण में सहयोग कर रहे हैं, जो कि सराहनीय है। कार्यकर्ताओं के सहयोग से हम सभी स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में जरूर कामयाब होंगे। उन्होंने अपनी ओर से कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी।
सोरमबाई ने बकरी को बेचकर कराया शौचालय निर्माण
सम्मान समारोह में बड़नगर की ग्राम पंचायत रणवा की सोरमबाई को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। बताया गया कि सोरमबाई के घर में पहले शौचालय नहीं था, परन्तु अपने बच्चों और पोतों के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्होंने अपने घर की बकरी को बेचकर घर में शौचालय निर्माण करवाया। प्रशासन की ओर से तो उन्हें सहयोग मिला ही, परन्तु शौचालय का निर्माण उन्होंने पहले ही बिना किसी की आर्थिक सहायता व अनुदान मांगे करवाया। सीईओ जिला पंचायत ने कहा कि यह एक बेहद प्रेरक उदाहरण है और सभी को सोरमबाई से प्रेरणा लेनी चाहिये।
इसके अलावा जिन अन्य कार्यकर्ताओं को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये, उनमें तराना विकास खण्ड की श्रीमती वन्दना करणसिंह गुजराती, श्री कुमेरसिंह, श्री दिनेश पण्ड्या, श्री लक्ष्मीनारायण भाट, श्री गिरधारीलाल मालवीय, श्री महेश पांचाल, श्री अभय नागर, उज्जैन विकास खण्ड के श्री नेपालसिंह, श्रीमती जयश्री उमेश वर्मा, श्री कैलाश चौहान, श्री प्रेमचन्द सिंरोजिया, श्रीमती विद्यादेवी, श्री धर्मेन्द्र फुलवारी, घट्टिया विकास खण्ड के श्री गोवर्धनसिंह पंवार, श्री दिलीप मालवीय, श्री संजय मालवीय, श्री कुलदीप भभूतिया, बड़नगर विकास खण्ड के श्री मनोहर वर्मा, श्री लाखनसिंह भाटी, श्री बद्रीलाल परमार, श्री विजय पोरवाल, खाचरौद विकास खण्ड की श्रीमती कल्पना, श्री ललित कुमार, श्रीमती राजूबाई, श्रीमती अनीता टांक, श्रीमती कृष्णाबाई और महिदपुर विकास खण्ड के तहसीलदार श्री चन्द्रसिंह धार्वे, पीसीओ श्री चेतन सिरा, श्री मानसिंह सिलोदिया, श्री दीपक वर्मा, श्रीमती बबीता चौहान और श्री इकरार मंसूरी शामिल थे।
समारोह के अन्त में सीईओ जिला पंचायत श्री सुजानसिंह रावत ने सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की लोगों में आदत डालना बेहद जरूरी है। वर्षों से चल रही परम्पराओं को बदलने में समय लगता है, लेकिन हमें दृढ़ संकल्पित होकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्य करना है। एक सकारात्मक माहौल का निर्माण होना बेहद जरूरी है। शौचालय निर्माण में जो उल्लेखनीय व प्रेरक कहानियां हैं उन्हें किताब में भी प्रकाशित करवाया जायेगा।