नीयत ठीक हो तो नीति अच्छी ही बनेगी
नीयत ठीक हो तो नीति अच्छी ही बनेगी। विद्यार्थियों ने यह बात नेशनल लॉ इंस्टीटयूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) भोपाल में 'प्रोमोटिंग एथिक्स इन लोकल सेल्फ गव्हर्नमेंट-इज इट फीजिबल एण्ड वुड इट इनफ्लुएंस पॉलिटिक्स बेनिफिशियरी' पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में कही। प्रतियोगिता में 7 विद्यार्थी ने विषय के पक्ष और 7 ने विपक्ष में विचार रखे।
प्रतियोगिता में श्री प्रहश जौहरी और श्री अद्वैत वंदोपाध्याय विजेता और कु. रिमसा जफर और श्री आदित्य नायक उप विजेता रहे। तृतीय स्थान कु. कृतिका सिंह और कु. गरिमा पुरोहित को मिला। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री आर. परशुराम ने प्रतियोगियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये।
दूसरों को सुनने की क्षमता हो रही खत्म
आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग श्री आर. परशुराम ने कहा कि सहमत और असहमत होना अलग बात है, लेकिन राजनीति में दूसरों को सुनने की क्षमता ही खत्म होती जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ ही जागरूकता बहुत जरूरी है। श्री परशुराम ने कहा कि आयोग का प्रयास है कि सभी पात्र मतदाताओं का नाम सूची में हो और वे मतदान करने भी आयें। चुनाव में अनैतिक गतिविधियों को रोकने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।
सचिव श्रीमती सुनीता त्रिपाठी ने कहा कि वक्ताओं ने पक्ष और विपक्ष में महत्वपूर्ण विचार रखे हैं। उन्होंने कहा कि लोकल सेल्फ गव्हर्नमेंट लोकतंत्र की सबसे निचली सीढ़ी है। श्रीमती त्रिपाठी ने बताया कि निर्वाचन के दौरान आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन किया जाता है।
एनएलआईयू के संचालक डॉ. एस.एस. सिंह ने कहा कि एथिक्स तो चुनाव से ही शुरू हो। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी ही नहीं, मतदाता को भी नैतिकता का पालन करना चाहिये।
राजेश पाण्डेय