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सभी जिलों में सिंहस्थ ज्योति पदक वितरण समारोह होंगे



मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अच्छे कार्यों का सम्मान जरूरी है। सिंहस्थ ज्योति पदक का वितरण समारोह पूर्वक किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसमें संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री और पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। श्री चौहान आज यहाँ पुलिस लाईन में सिंहस्थ ज्योति पदक और रुस्तम जी पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बेटियों के मान-सम्मान और गरिमा से जुड़े विषयों को पाठ्यक्रम में भी शामिल किये जाने की जरूरत बताई।

गृह मंत्री को मिला पदक
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह को भी सिंहस्थ ज्योति पदक से सम्मानित किया। उन्होंने सिंहस्थ के दौरान उनकी सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं के प्रभावी संचालन के लिए गृह मंत्री पूरे 73 दिनों तक उज्जैन में मुख्यालय बनाकर रहे। गृह मंत्री का आयोजन की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर कार्यक्रम में ही श्री भूपेन्द्र सिंह को सिंहस्थ ज्योति पदक से सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा सिंहस्थ-2016 के आयोजन में सेवा और समर्पण की अदभुत मिसाल कायम की है। पुलिस का व्यवहार, वाणी और दृष्टिकोण अदभुत था। उन्होंने पुलिस प्रबंधों, पूर्व तैयारियों और भीड़ प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि वे देश में जहाँ भी जाते हैं वहाँ पर प्रबुद्ध और आमजन सभी मध्य प्रदेश पुलिस की उनसे भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं।

मुख्यमंत्री ने पुलिस के कार्य की कठिन स्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश की पुलिस ने सदैव उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उसे जो कार्य सौंपा गया, पुलिस ने सफलता से किया है। किसी समय दस्यु समस्या से पीड़ित प्रदेश में आज एक भी सूचीबद्ध गिरोह नहीं है। जेल ब्रेक की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि पुलिस की तत्परता ने बहुत बड़ी अनहोनी को रोक दिया। उन्होंने कहा‍कि पुलिस का कार्य कानून का राज कायम करना है। जहाँ भी गड़बड़ी मिले, उसे तुरंत ठीक किया जाये। अपराधियों के साथ वज्र से कठोर और आमजन के साथ फूल से कोमल व्यवहार किया जाये।

श्री चौहान ने कहा कि माताओं-बहनों के साथ अपराध स्वीकार नहीं है। चिन्हित अपराधों में कड़ी कार्रवाई की जाए। अबोध बालिकाओं के साथ दुराचार करने वाले को फाँसी के फंदे पर ही लटकाना चाहिए। इस संबंध में वैधानिक प्रावधानों के संबंध में अध्ययन करवाने और सुझाव प्राप्त करने के लिए कहा।

उन्होंने प्रदेश को नशे के कंलक से मुक्त करवाने के लिए संकल्पित होने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मद्य निषेध वाले राज्यों की व्यवस्‍थाओं का गंभीरता से अध्ययन करवाया जा रहा है। विगत चार वर्षों में नई शराब की दुकान नहीं खोली गई है। शराब निर्माण की फैक्ट्री भी नहीं लगने दी गई है। नर्मदा तट के किनारों पर शराब की दुकानें नहीं रहेगी। उन्होंने पदक, पुरस्कार से सम्मानित पुलिसकर्मियों और पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय इंदौर को उनकी सफलताओं के लिए बधाई दी।

गृह मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस ने  सिंहस्थ के सफल आयोजन द्वारा मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। सिंहस्थ 2016  का सफल आयोजन कर, मध्य प्रदेश की पुलिस ने  कीर्तिमान स्थापित किया है । पुलिस के प्रति  विश्वास का  नया वातावरण  निर्मित हुआ है ।  मध्य प्रदेश पुलिस  का कार्य देश में सबसे अच्छा है।  उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा  दिए जा रहे  संरक्षण के लिए  आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि  पुलिस के विकास के लिए  सदैव माँग अनुसार बजट उपलब्ध करवाया है।

पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला ने स्वागत उदबोधन दिया। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ-2016 के वृहद् आयोजन को सफल बनाने में 25 हजार से अधिक पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों का योगदान है। कार्यक्रम में पुरस्कृत कर्मचारियों के प्रतिनिधि के रूप में अधिकारी-कर्मचारियों को सिंहस्थ ज्योति पदक से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस के प्रथम प्रमुख के.एफ. रुस्तमजी की स्मृति में पुरस्कार स्थापित किया गया है। कार्यक्रम में श्री के.एफ. रुस्तम जी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर आधारित 'खाकी'' फिल्म का प्रदर्शन किया गया। फिल्म का निर्माण मध्यप्रदेश पुलिस के लिए राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम द्वारा किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक सहित अधिकारियों को पदक से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह और पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री सुरेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
अजय वर्मा

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