डा. शेजवार ने किया बाबरीघाट में जन-संवाद
खेती और घर-द्वार के दैनिक कार्यों से निश्चिंत ग्रामीण नर्मदा सेवा यात्रा की प्रतीक्षा में हैं। जन-समुदाय का आत्मीय लगाव ही है जो पूरे धैर्य के साथ पलक पावड़े बिछाने को उन्हें विवश किए हैं। साधु-संतों की सामान्य संस्कृति से अलग जब नर्मदा गीतों पर वे नृत्य करते हैं तो लगता है कि यह भावनाओं की चरम सीमा है।
वन मंत्री डा. गौरीशंकर शेजवार ने बाबरीघाट पर पहुँची नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान जन-समुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो जल आचमन के लिए उपयोग होता है उसे दूषित न होने दें। उन्होंने नर्मदा को प्रदूषणमुक्त और संरक्षित करने के उपाय बताते हुए आमजन से सहयोग का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान देवी नर्मदा के प्रति सच्ची श्रद्धा, प्रेम, अपनत्व और स्वयं के जीवन में उसके महत्व के रहते सदैव चिंतित रहे और उनकी यही चिंता और सोच नर्मदा सेवा यात्रा की निमित्त बनी ।
डॉ. शेजवार ने कहा कि नर्मदा जी हमारी पूज्यनीय और प्रदेश की जीवन-रेखा भी है। हमारी संस्कृति में देवी-देवताओं के स्थल को गंदगी से सदैव सुरक्षित रखा जाता है। हर नागरिक का कर्त्तव्य है कि बंदगी स्थल को गंदगी से मुक्त रखें।
नमामि देवी नर्मदे यात्रा आज आँवलीघाट से प्रारम्भ होकर ग्वाड़ी, चतुरमुख, घोघरा, पथाड़ा, बाबरी, डिमावर, कजली होती हुई भिलाड़ियाखुर्द पहुँची जहाँ नर्मदा जी की आरती की गई।
राजेश बैन/समरजीत सिंह चौहान