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आपके प्रेम व जीवन में परिवर्तन से मिली प्रसन्नता



चातुर्मास समापन की बेला पर धर्मसभा आयोजित- जैन साधु साध्वियों का पैदल विहार शुरू
उज्जैन। चातुर्मास दौरान समाज की ओर से मिले प्रेम व धर्म आराधना को लेकर
लोगों के जीवन में आये परिवर्तन ने मुझे बहुत प्रसन्नचित किया। मालवा की
धरती पर 30 साल के अंतराल के बाद मेरा आना हुआ लेकिन सभी लोगों ने मुझे
अपेक्षा से ज्यादा प्रेम दिया। अब विदाई की बेला है। मुझे गुजरात की ओर
विहार करना है मैं चाहूंगा कि आप सभी मुझसे इसी तरह जुड़े रहें। यह भावुक
उद्गार सोमवार सुबह 9.30 बजे नईपेठ स्थित रंगमहल धर्मशाला में युवा मुनि
गणिवर्य रत्नकीर्ति विजयजी म.सा. ने धर्मसभा दौरान व्यक्त किये।
कार्तिक पूर्णिमा पर श्वेतांबर जैन समाज में चल रहे चातुर्मास का सोमवार
को समापन हुआ। श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी ट्रस्ट द्वारा आयोजित चातुर्मास
महोत्सव में चार माह तक विभिन्न धर्म आराधनाएं व कार्यक्रम हुए। पेढ़ी
मंदिर से सोमवार सुबह 7.30 बजे पन्यास प्रवर विमल कीर्ति विजयजी, गणिवर्य
रत्नकीर्ति विजयजी व साध्वी मंडल का चातुर्मास परिवर्तन जुलूस निकला।
श्री संघ के साथ वे सभी भागसीपुरा स्थित नरेन्द्र तरवेचा के निवास पर गए।
जहां उनके कुमकुम पगलियाजी हुए। इसके बाद रंगमहल धर्मशाला में आयोजित
हुई। समाजजनों ने चातुर्मास दौरान हुए अविनय व गलतियों पर साधु साध्वी
मंडल से क्षमायाचना की। उदारता दिखाते हुए मुनिश्री ने भी समाज के लोगों
से क्षमा मांगी। इसके उपरांत धर्म आराधनाओं में अग्रणी रहने वाले बच्चों
का पेढ़ी ट्रस्ट की ओर से बहुमान किया गया। पेढ़ी अध्यक्ष महेन्द्र
सिरोलिया, सचिव जयंतीलाल तेलवाल, डाॅ. पारस मारू, संजय ज्वेलर्स, अशोक
भंडारी, संजय खलीवाला, राजेन्द्र तरवेचा, सुरेन्द्र तरवेचा, सुरेश
मिर्चीवाला, अभय जैन भैय्या, राहुल कटारिया, राकेश वनवट, रजत मेहता सहित
बड़ी संख्या में समाजजन शामिल रहे। नवरत्न महिला मंडल, मनोहर इंदु महिला
मंडल व सामायिक मंडल ने विदाई गीत प्रस्तुत किये।
आदिश्वर तीर्थ पर पालीताणा की भावयात्रा
बड़नगर रोड़ स्थित श्री आदिश्वर जैन तीर्थ पर सोमवार दोपहर प्रसिध्द
पालीताणा तीर्थ की भावयात्रा हुई। बता दें कि 4 माह की रोक के बाद
पूर्णिमा से पालीताणा तीर्थ में यात्रा आरंभ होती है। जो समाजजन वहां
नहीं जा पाते वे आदिश्वर तीर्थ में शत्रुंजय पट्ट के समक्ष भावयात्रा
पूर्ण करते हैं। समिति के प्रदीप गादिया व लालचंद रांका ने बताया कि
तीर्थ परिसर पर साधार्मिक वात्सल्य आयोजित हुआ जिसमें साढ़े 3 हजार से
अधिक समाजजनों ने सहभागिता की।

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