'प्रकृति परीक्षण शिविर प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शासकीय माधव महाविद्यालय में संपन्न'
उज्जैन- देश का प्रकृति परीक्षण अभियान के अंतर्गत शासकीय आयुर्वेद औषधालय भैरवगड़ की टीम द्वारा प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शासकीय माधव महाविद्यालय में शैक्षणिक स्टाफ का प्रकृति परीक्षण किया गया। यह परीक्षण महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर कल्पना सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुआ । देश का प्रकृति परीक्षण अभियान- का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयुर्वेद दिवस 26 नवंबर 2024 पर किया गया था। यह अभियान 25 दिसम्बर 2024 तक भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती तक चलेगा। शासकीय आयुर्वेद औशधालय भैरवगड़ की प्रभारी डॉ श्वेता गुजराती एमडी आयुर्वेद ने बताया कि प्रकृति परीक्षण एप्प प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद नागरिक आयुर्वेद चिकित्सक से प्रकृति परीक्षण करवा सकते हैं। आयुर्वेद में वर्णित प्रकृति परीक्षण से व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक प्रकृति को समझा जाता है ,व्यक्तिगत प्रकृति को जानकर उसके अनुसार प्रत्येक नागरिक की व्यक्तिगत स्वास्थ्य योजना बनाई जाती है। इस योजना में व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक संरचना के अनुसार आहार विहार तथा ऋतुचार्य की योजना बनाई जा रही है। यह सभी समझाइश नागरिकों को ऐप पर नोटिफिकेशन के माध्यम से मिलती रहेगी। प्रकृति परीक्षण से व्यक्ति को भविष्य में होने वाले रोगों का पूर्वानुमान भी लगाया जा सकेगा। जैसे वात प्रधान प्रकृति के मनुष्य को कब्ज, जोड़ो संबंधित विकार तथा एंजायटी होने की संभावना अधिक रहती है ।अतः प्रकृति के अनुसार बनाई जा रही आहार विहार संबंधित योजना का पालन करने से नागरिक संभावित रोगों से बच सकेंगे। इस प्रकार यह प्रकृति परीक्षण अभियान मनुष्य को अपने शरीर एवं मन को स्वस्थ रखने का अवसर प्रदान कर रहा है। प्रकृति परीक्षण हेतु आयोजित इस कार्यक्रम का समन्वय शासकीय माधव महाविद्यालय की प्रोफेसर डॉक्टर राजश्रीसेठ द्वारा किया गया तथा इस अवसर पर महाविद्यालय से डॉ शोभा मिश्रा ,डॉ प्रार्थना निगम डॉ अर्चना अखंड , डॉ अल्पना तथा समस्त प्राध्यापकगण का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। आयुर्वेद औषधालय की टीम श्रीमती लक्ष्मी सोलंकी, मयूरेश ,मोनिका, लवली , पूर्व ,ऋतुल ,आंचल, विनायक शर्मा तथा किशोर सोलंकी ने कार्य संपादन किया। इस अवसर पर आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ श्वेता गुजराती द्वारा अपील की गई कि अधिक से अधिक नागरिक गण अपना प्रकृति परीक्षण करवाए।