धन तेरस पर विंध्यवासियों को वापस मिलेगी अपनी धरोहर
भोपाल। विंध्य क्षेत्र के लिए इस बार की धन तेरस सौगात लेकर आ रही है। विंध्यवासियों के लम्बे इंतजार के बाद उनके गौरव सफेद शेर की घर वापसी निश्चित हो गई है। जनसंपर्क, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा एवं खनिज साधन मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने आज वन विहार पहुँचकर सौन्दर्य और शक्ति की अद्भुत कीर्ति और विंध्य के गौरव जंगल की रानी सफेद-बाघिन को हर्षोंल्लास के साथ ही हरी झंडी दिखाकर विश्व की पहली व्हाईट टाईगर, सफारी जुलाजिकल पार्क एवं रेस्क्यू सेन्टर मुकुन्दपुर, सतना के लिए रवाना किया। इसके पहले श्री शुक्ल ने मुकुन्दपुर जू के लिए जाने वाले वन्य-प्राणियों को देखा और उनके वहाँ पहुँचने तक की जानकारी ली। इस मौके पर उनकी धर्मपत्नी एवं परिवार के सदस्यों के अलावा पीसीसीएफ श्री नरेन्द्र कुमार, पीसीसीएफ वाइल्ड-लाइफ श्री रवि श्रीवास्तव, एपीसीसीएफ श्री आर.पी.सिंह, संचालक वन-विहार श्री अतुल श्रीवास्तव तथा सहायक संचालक श्री प्रदीप घई थे। संपूर्ण सुरक्षा के साथ सफेद बाघिन, एक जामवंत और एक भालू के जोड़े को भी रवाना किया गया। कल 9 नवम्बर को धन तेरस पर विंध्यवासी मुकुन्दपुर पहुँचकर इन वन्य-प्राणियों की अगवानी भी करेंगे। मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि पूरी दुनिया में विंध्य अंचल की धरोहर से सफेद शेर गया था और यह धरोहर विंध्य में ही नहीं थी। अब एक बार फिर सफेद शेर अपने घर पूरी शान-शौकत के साथ लौटेगा। उन्होंने कहा कि इससे विंध्य अंचल में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास में भी मद्द मिलेगी। वन्य-प्राणियों को भोपाल-विदिशा-रायसेन-सागर-दमोह-कटनी जिले से होते हुए सतना जिले के मुकुन्दपुर पहुँचाया जा रहा है। यात्रा के दौरान वन्य-प्राणियों के स्वास्थ्य और भोजन का वन विभाग के अमले द्वारा पूरा इंतजाम किया गया है। एक चिकित्सा टीम भी साथ में है। मुकुन्दपुर विश्व का पहला चिड़ियाघर होगा जहाँ सफेद बाघ एवं अन्य वन्य-प्राणियों को देखने के साथ व्हाईट टाइगर सफारी का भी आनंद लिया जा सकेगा। चिड़ियाघर का लोकार्पण जनवरी 2016 में होना है। उल्लेखनीय है सबसे पहला सफेद बाघ विंध्य क्षेत्र में ही पाया गया था। रीवा महाराजा द्वारा वर्ष 1951 में एक सफेद बाघ् शावक पकड़ा गया। जिसका नाम 'मोहन' रखा गया था। सभी सफेद बाघ मोहन की संतान माने जाते हैं।