मुख्यमंत्री चौहान कृषि क्षेत्र में दीर्घकालीन नीति बनाने पर करेंगे कृषि विशेषज्ञों के साथ मंथन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को 'कृषि मंथन' में किसानों के लिये दीर्घकालीन योजना बनाने कृषि विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। प्रशासन अकादमी में 31 अक्टूबर को कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने पर राष्ट्रीय-स्तर के कृषि विशेषज्ञ और मध्यप्रदेश टास्क फोर्स खेती-किसानी को लाभ का व्यवसाय बनाने पर अपने पेपर पढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंथन में 'दस वर्ष में हुई प्रगति और कृषि में चुनौतियाँ'' विषय पर संबोधन से पहला सत्र शुरू होगा। इसके अलावा पहले सत्र में प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा 'कृषि की स्थिति तथा कृषि क्षेत्र में नये आयाम'', सी.जी.आई.ए.आर. नई दिल्ली के समन्वयक श्री पी.के. अग्रवाल 'जलवायु स्मार्ट कृषि पर'', डॉ. वारदास संचालक राष्ट्रीय तिलहन अनुसंधान केन्द्र हैदराबाद, 'सोयाबीन उत्पादकता में वृद्धि तथा भविष्य के लिये विकल्प'' विषय पर डॉ. एम.एस. विरानी पूर्व टीम लीडर आई.सी.आर.आई.एस.ए.टी. हैदराबाद 'जल अभाव क्षेत्रों के लिये जल प्रबंधन तंत्र'' विषय पर विचार रखेंगे।
कृषि मंथन के दूसरे सत्र में भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. ए.के. विश्वास 'मृदा स्वास्थ्य एवं समन्वित पोषण तत्व प्रबंधन'', जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में संचालक डॉ. डी.के. राव 'दलहनी फसलों की उत्पादकता में वृद्धि के उपाय'', भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ए.एस.आर.बी. नई दिल्ली के डॉ. गुरुवचन सिंह 'उद्यानिकी-कृषि वानिकी एवं समेकित कृषि विकास'', भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के पूर्व उप महानिदेशक डॉ. व्ही.के. तनेजा 'कृषि में पशुपालन एवं डेयरी की संभावनाएँ'', केन्द्रीय पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान लुधियाना के डॉ. आर.के. पाटिल तथा केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह 'प्रक्षेत्र यंत्रीकरण फसल कटाई उपरांत प्रबंधन तथा खाद्य प्र-संस्करण'' पर अपने विचार रखेंगे।
अंतिम सत्र में टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. पंजाब सिंह, डॉ. अशोक गुलाटी एवं डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह का उदबोधन होगा। मंथन का समापन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे।
मनोज पाठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंथन में 'दस वर्ष में हुई प्रगति और कृषि में चुनौतियाँ'' विषय पर संबोधन से पहला सत्र शुरू होगा। इसके अलावा पहले सत्र में प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा 'कृषि की स्थिति तथा कृषि क्षेत्र में नये आयाम'', सी.जी.आई.ए.आर. नई दिल्ली के समन्वयक श्री पी.के. अग्रवाल 'जलवायु स्मार्ट कृषि पर'', डॉ. वारदास संचालक राष्ट्रीय तिलहन अनुसंधान केन्द्र हैदराबाद, 'सोयाबीन उत्पादकता में वृद्धि तथा भविष्य के लिये विकल्प'' विषय पर डॉ. एम.एस. विरानी पूर्व टीम लीडर आई.सी.आर.आई.एस.ए.टी. हैदराबाद 'जल अभाव क्षेत्रों के लिये जल प्रबंधन तंत्र'' विषय पर विचार रखेंगे।
कृषि मंथन के दूसरे सत्र में भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. ए.के. विश्वास 'मृदा स्वास्थ्य एवं समन्वित पोषण तत्व प्रबंधन'', जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में संचालक डॉ. डी.के. राव 'दलहनी फसलों की उत्पादकता में वृद्धि के उपाय'', भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ए.एस.आर.बी. नई दिल्ली के डॉ. गुरुवचन सिंह 'उद्यानिकी-कृषि वानिकी एवं समेकित कृषि विकास'', भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के पूर्व उप महानिदेशक डॉ. व्ही.के. तनेजा 'कृषि में पशुपालन एवं डेयरी की संभावनाएँ'', केन्द्रीय पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान लुधियाना के डॉ. आर.के. पाटिल तथा केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह 'प्रक्षेत्र यंत्रीकरण फसल कटाई उपरांत प्रबंधन तथा खाद्य प्र-संस्करण'' पर अपने विचार रखेंगे।
अंतिम सत्र में टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. पंजाब सिंह, डॉ. अशोक गुलाटी एवं डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह का उदबोधन होगा। मंथन का समापन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे।
मनोज पाठक