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कार्रवाई: दो तालाब से इंदौर रोड के बीच रोड निर्माण में आ रहे 96 मकान मालिकों को पंवासा में देंगे प्लॉट


मकान खाली करने से पहले सात दिन का नोटिस दिया जाएगा

मुनि नगर स्थित दो तालाब से इंदौर रोड को जोड़ने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। इस निर्माण में 96 मकानों पर जेसीबी चलने वाली है, जिनमें से कई मकान पूरे तोड़े जाना है। वर्तमान में प्रोजेक्ट कार्य चालू है लेकिन अभी उसी जगह पर कार्य हो रहा है, जहां साइट क्लियर है व अन्य जगहों पर लोगों के आवास बने हैं और इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत बड़ी संख्या में मकान तोड़े जाने हैं।

इसे लेकर नियमों के अनुसार प्रस्ताव तैयार किया था कि रोड निर्माण में जिनके मकान पूरे जा रहे हैं, उन्हें पहले रहने के लिए जगह दी जाएगी, फिर घर तोड़े जाएंगे। साथ ही जिनके मकान का कुछ हिस्सा जा रहा है, उन्हें कोई मुआवजा या लाभ नहीं मिलेगा। रोड निर्माण को लेकर पहली कार्रवाई दो माह पहले की थी, जिसमें 13 मकानों पर निगम की जेसीबी चली। इनमें से एक मकान पूरा जा रहा था लेकिन मकान मालिक को कोई ठिकाना नहीं दिया गया। इसके बाद बात उठने पर आवास वाले क्षेत्र पर निर्माण कार्य रोक दिया गया था।

निगम ने पूर्व में विस्थापन की जगह चयनित किए बिना ही काम शुरू कर दिया था। इस कारण लोगों के मन में बेघर होने का डर था लेकिन अब डर पर थोड़ा विराम लग सकता है। निगम ने 96 मकानों के विस्थापन के लिए पंवासा में जगह चयनित कर ली है व यहां कार्य शुरू किया जा रहा है।

अब मकानों की जगह प्लॉट दिए जाएंगे, जिसकी तैयारी कर रहे हैं। अभी क्लियर साइट वाली जगह पर काम होगा। उसके एक से दो माह के अंदर मकान वाले क्षेत्रों में काम शुरू किया जाएगा। एक-एक क्षेत्र में बसे मकानों को पहले नोटिस दिए जाएंगे व उसके बाद अपना सामान हटाने के लिए 7 दिन का समय दिया जाएगा और उसके बाद निगम अपनी कार्रवाई आगे बढ़ाएगी।

पहली कार्रवाई में बालाजी परिसर और अमरदीप नगर के 13 मकान तोड़े जा चुके रोड निर्माण में 96 मकान आ रहे हैं। पहली कार्रवाई में इनमें से अभी 13 को नोटिस देकर कार्रवाई की गई थी। आगे की कार्रवाई भी निर्माण के साथ ही आगे बढ़ेगी। यह 13 मकान बालाजी परिसर और अमरदीप नगर कॉलोनी के थे, जो कि अवैध थे। इसके साथ ही निगम द्वारा हमेशा की तरह मकानों पर कार्रवाई की गई और आगे भी की जाएगी लेकिन यहां अवैध कॉलोनी काटने वालों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्लॉट तो लोगों को मिल रहे हैं, पर मकान बनाने में काफी समय और खर्च लगेगा। इस बीच लोगों को किराए के घरों का सहारा लेना होगा।

पीएम आवास के तहत बने मकानों पर फैसला अभी बाकी, कलेक्टर करेंगे निर्णय शासन के रुपयों से बने मकानों को अब प्रशासन तोड़ रहा है। इस क्षेत्र में कई मकान योजना के चलते बने हैं, इसे लेकर अब तक फैसला नहीं हो पाया है। पीएम आवास योजना के तहत बने मकानों पर फैसला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। उन्हें प्लॉट मिलेगा या मकान निश्चित नहीं है।

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