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सत्संग व सदगुरु का सान्निध्य जहां मिले अवश्य पाना चाहिए : महाराज


नागदा | धर्म के बिना जीवन बेकार है। धर्म की राह जीवन में सदगुरु ही दिखा पाता है। जीवन में गुरु का होना जरूरी है। तीर्थंकर परमात्मा को भी मोक्ष पाने के लिए गुरु ही राह दिखाता है। सत्संग और सदगुरु का सान्निध्य जहां मिले अवश्य पाना चाहिए। उक्त प्रवचन शांतिनाथ देरासर बस स्टैंड पर आयोजित धर्मसभा में गणीवर्य पद्मचन्द्रसागर महाराज ने दिए। साथ ही कहा कि भगवान महावीर भी जब धर्म की राह भटक गए थे। तब उन्हें भी गुरु ने आकर सही राह दिखाई, जो आज तीर्थंकर परमात्मा बने। परमात्मा की शासन परम्परा में हमें त्रिकाल भक्ति करना चाहिए।

सुबह त्रिकाल पूजा, दोपहर अष्टप्रकारी पूजन एवं सांध्यकालीन आरती। इस तरह श्रद्धा के साथ की गई भक्ति जीवन को तार देती है। गणीवर्य श्री को ओरा परिवार की और से संजय जैनटी, मूर्ति पूजक संघ अध्यक्ष संतोष मोदी, मालवा महासंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मेहता, राष्ट्रीय पदाधिकारी राजेन्द्र बोकड़िया द्वारा काम्बली ओढ़ाई गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संघजन एवं श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।

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