जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में उमंग स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन केन्द्रों पर किशोर-किशोरियों को परामर्श दिया जा रहा
उज्जैन- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक कुमार पटेल ने बताया कि
किशोरावस्था जीवन का संभावनापूर्ण किन्तु नाजुक चरण होता है। इस अवस्था में शारीरिक एवं मानसिक
विकास होता है। साथ ही बार-बार मूड बदलने का अनुभव भी किशोर-किशोरी करते है। अकेलेपन की भावना,
बड़ो एवं माता-पिता से गलत समझे जाने की आशंका अपेक्षाकृत रूप से अधिक होती है। इस उम्र में सही
विकास के लिए पोषण, शिक्षा, सही मागदर्शन, सहयोग, आसपास के लोगों से अपनेपन की भावना की
आवश्यकता होती है। इस अवस्था में किशोर कई रोकथाम योग्य एवं उपचार योग्य स्वास्थ्य समस्याओं के
लिए अतिसंवेदनशील होते हैं जैसे- अनपेक्षित गर्भावस्था, आर.टी.आई.-एस.टी.आई., एच.आई.व्ही., एड्स,
कुपोषण, अधिक वजन, शराब, तम्बाकू एवं अन्य नशीले पदार्थो के सेवन, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी
चिन्ताओं एवं हिंसा इत्यादि।
किशोर-किशोरियों को परामर्श प्रदान करने हेतु उमंग स्वास्थ्य केन्द्र (किशोर मित्र स्वास्थ्य केन्द्र) का
संचालन जिले की विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में किया जा रहा है। उज्जैन शहर के मातृ एवं शिशु
चिकित्सालय चरक भवन के कक्ष क्रमांक 18 में एवं सिविल अस्पताल माधव नगर में उमंग स्वास्थ्य केन्द्र
(प्रातः 9 से शाम 4 बजे तक) संचालित किया जा रहा है। साथ ही उज्जैन जिले के नरवर, घट्टिया, तराना,
महिदपुर, झारड़ा, इंगोरिया, बड़नगर, नागदा खाचरौद में शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में भी उमंग स्वास्थ्य
केन्द्र (किशोर मित्र स्वास्थ्य केन्द्र) का संचालन (प्रातः 9 से शाम 4 बजे तक) किया जा रहा है। यहां पर
10 से 19 वर्षीय बालक-बालिकाओं को पोषण, एनीमिया, बाल विवाह की रोकथाम, एम.टी.पी., यौन एवं
प्रजनन स्वास्थ्य, माहवारी, असंचारी रोग, नशे के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों, पारिवारिक एवं व्यक्तिगत,
लिंग आधारित हिंसा, मानसिक स्वास्थ्य, तनाव, अवसाद, आत्महत्या के प्रयासों में रोकथाम आदि के संबंध
में परामर्श प्रदान किया जाता है।
इसी क्रम में गत दिवस चरक भवन मे संचालित उमंग स्वास्थ्य केन्द्र के बेहतर संचालन एवं आने
वाले किशोर/किशोरियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने हेतु सिविल सर्जन डॉ.पी.एन.वर्मा एवं जिला स्वास्थ्य
अधिकारी डॉ.एस.के.सिंह द्वारा केन्द्र का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश प्रदान किये गये।