लाडली बहना योजना: बहनों को वरदान स्वरूप
उज्जैन- उज्जैन जिले के ग्राम ढाबला हर्दू निवासी श्रीमती श्यामू बाई लाडली बहना योजना की सफलता का एक जीवंत उदाहरण है। कोरोना का प्रकोप जब अपने चरम पर था, तब श्यामू बाई के पति की नौकरी चली गई। घर की आर्थिक स्थिति एकदम से बिगड़ गई। इसी बीच, बेटियों की शादी का समय भी आ गया। कर्ज के बोझ तले दबकर परिवार को अपना पुश्तैनी घर तक बेचना पड़ा। एक तरफ कर्ज की चिंता, दूसरी तरफ रोजमर्रा की जिंदगी का संघर्ष, श्यामू बाई के लिए जीवन एक परीक्षा बन गया था। तभी उनके जीवन में लाडली बहना योजना आई। योजना के तहत उन्हें हर महीने धनराशि मिलने लगी जिसको एकत्रित कर उन्होंने घर पर एक छोटी सी किराना दुकान की शुरुआत की। शुरुआती दिनों में तो डर भी लगा रहता था कि उनका व्यवसास ठीक से चलेगा या नहीं, लेकिन धीरे-धीरे दुकान में सामान बढ़ता गया और उनका व्यवसाय पटरी पर आने लगा। आज, यह दुकान ही उनके परिवार का मुख्य आय का स्रोत है। उन्होंने अब धीरे धीरे अपनी आय के हिस्से को जमा कर अपनी बेटियों की शादी भी धूमधाम से की। यह योजना उनके लिए एक वरदान के रूप में साबित हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद देते हुए उन्होंने यह भी कहा किलाडली बहना योजना की वजह से न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया है। अब उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है। सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बहुत अच्छा काम किया है।