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सिंहस्थ क्षेत्र के कृषकों को अधिग्रहित भूमि से 25 प्रतिशत भूमि छोड़ी जाएं - महाकाल सेना की मांग, गोवंश, कृषि सामग्री और अन्य सामग्री रखने की सुविधा हो


उज्जैन- उज्जैन में प्रत्येक 12 वर्षों में सिंहस्थ महापर्व आता हैं, उस समय सिंहस्थ के लिए कृषकों की भूमि अधिग्रहित की जाती हैं जिसमें कृषकों को अपने गोवंश, कृषि सामग्री, अनाज, खेती के उपकरण, वाहन और अन्य सामग्री रखने के लिए भी भूमि नहीं छोड़ी जाती हैं जिससे कृषकों को असुविधा का सामना करना पड़ता हैं।  
जब मेला समाप्त हो जाता है तब किसानों को पुनः अपनी भूमि को ठीक करने व खेती योग्य बनाने में कई गुना खर्चा करना पड़ता हैं। इस हेतु 7 सूत्रिय मांगों का एक पत्र निमित यादव के माध्यम से  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को महाकाल सेना के राष्ट्रीय प्रमुख महेश पुजारी ने भेजा है। पुजारी ने मुख्यमंत्री को लोकसभा में प्रचंड जीत पर साधुवाद देते हुए आशापूर्ण निवेदन किया है कि कृषकों की इन मांगों पर आप सहानुभूति पूर्ण निर्णय लेंगे। क्योंकि अयोध्या में अनावश्यक तोड फोड़ पर भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। अयोध्यावासीयों के इसी दुख दर्द को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी द्वारा यह निर्णय लिया की अयोध्या में अनावश्यक तोड़ फोड़ व प्राचीन मंदिर को नहीं हटाये जाएंगे एवं नए पुल के निर्माण को रोक दिया गया है। मध्यप्रदेश की प्रचंड जीत के बाद आप से महाकाल सेना मांग करती है कि सिंहस्थ पर्व के नाम पर उज्जैन में अनावश्यक तोड़ फोड़ ना हो। प्राचीन मंदिरों का संरक्षण हो व किसानों की मांग पर आप ध्यान देकर उसे लागू करने हेतु आदेश पारित करे तो इस प्रचण्ड जीत का पुरुस्कार उज्जैन वासियों का होगा

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