हमारी संस्कृति में पर्यावरण का महत्व है
उज्जैन में रविवार को गंगा दशहरा उत्सव पर दो दिवसीय शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा का समापन रामघाट पर हुआ। यात्रा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सपत्नीक मोक्षदायिनी मां शिप्रा का पूजन कर दुग्धाभिषेक कर सौभाग्य की सामग्री अर्पित की। शिप्रा को 400 मीटर लंबी चुनरी ओढ़ाई। इस दौरान रामघाट पर यात्रा मेें शामिल यात्रियों के अलावा बड़ी संख्या मेें श्रद्धालु मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में पर्यावरण का महत्व बताया गया है। हमारी दिनचर्या में भी प्रकृति से जुड़ाव है। प्रकृति से जोडऩे के लिए एक दूसरे के साथ रिश्ता बनाया है। ऐसे में जरूरी है कि जल संरक्षण और प्रकृति का संरक्षण करेंगे तो जीवन रहेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे जीवन में किसी भी पूजा में पांच तत्व और नवग्रह का महत्व है। हमारी प्राचीन पंचांग पद्धति से 500 साल आगे होने वाले सूर्य ग्रहण की तारीख व समय निकल आता है कि सूर्य ग्रहण कब होगा उसकी तारीख निकाल देते है। ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में हमारी संस्कृति सबसे अव्वल रही है। उन्होंने कहा कि जल गंगा अभियान के माध्यम से प्रदेश के 55 जिलों में अच्छा कार्य हुआ है। इस बार 5 जून पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी तक 15 दिन चले अभियान ने प्रदेश के कई पुराने जल स्त्रोत का संवर्धन और संरक्षण करने का कार्य किया है। अभी जल गंगा अभियान का एक पड़ाव पूरा हुआ है। इस दौरान प्रदेश में 827 बावड़ी 1200 से ज्यादा तालाब साफ हुए हैं और इस अभियान में 6 लाख से अधिक लोग हिस्सेदार बने हैं।