उज्जैन में मां शिप्रा शुद्धिकरण का संकल्प ले रहा है मूर्तरूप -मुख्यमंत्री डॉ.यादव 600 करोड़ की लागत से बनेगा सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी डेम, शिप्रा का जल शिप्रा में ही रहेगा मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने शिप्रा शुद्धीकरण के अन्तर्गत कान्ह डक्ट परियोजना का भूमिपूजन किया मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने दी उज्जैन को अनेक सौगातें
उज्जैन- मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा है कि आज हमारे कई वर्षों का संकल्प मूर्तरूप
लेने जा रहा है। हमने सभी सन्तों के साथ यह संकल्प लिया था कि शिप्रा नदी के जल को निर्मल और
स्वच्छ बनायेंगे और कान्ह नदी का पानी शिप्रा में मिलने से रोकेंगे। कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के
माध्यम से अब कान्ह का दूषित जल मां शिप्रा के किसी भी तट पर नहीं मिलेगा। कान्ह का पानी गंभीर
नदी के निचले किनारे तक पहुंचाया जायेगा, जिसे भी शुद्धिकरण किया जायेगा और आसपास के किसानों
को सिंचाई के लिये पानी मिलेगा। 600 करोड़ रुपये की लागत से आने वाले समय में सेवरखेड़ी में बैराज
निर्मित कर शिप्रा का पानी लिफ्ट कर सिलारखेड़ी ले जाया जाएगा और वहां से पुन: शिप्रा में छोड़ा जाएगा।
इससे शिप्रा का पानी शिप्रा में ही रहेगा।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव आज उज्जैन के ग्राम डेंडिया स्थित शनि मन्दिर के पास आयोजित 817 करोड़
की लागत से कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना एवं अन्य भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित कर
रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कार्यक्रम में लगभग 598.66 करोड़ की लागत से बनने वाली कान्ह क्लोज
डक्ट परियोजना का भूमिपूजन किया। इसके अतिरिक्त लगभग 217 करोड़ के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन
एवं लोकार्पण किया।