धर्म, धरती और वंचितों की रक्षा करने से ही राम राज्य साकार हो सकता है -प्रो. त्रिपाठी
समिधा में ऊर्जा होती है ओर इससे जब राम जैसे महापुरुष का आविर्भाव होता है तभी आसुरी शक्तियों का विनाश होकर धर्मस्थापना हो सकती है, राष्ट्र का कल्याण हो सकता है। जब राजा युवावस्था में धर्म, धरती की रक्षा के लिए धैर्य के साथ उपेक्षित, वंचित लोगों के बीच में जाकर उन्हें अपनाता है, तब रामराज्य साकार होता है।
यह बात कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित ‘राम की तरुणाई-तरुणाई के राम’ विषय पर आयोजित सारस्वतम् लोकप्रिय व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी, इंदौर ने कही। अकादमी निदेशक डॉ. गोविंद गंधे ने स्वागत भाषण व प्रास्ताविक उद्बोधन में कहा राम के आदर्श को युवा जानें। उसी दृष्टि से एक वैचारिक आयोजन किया है क्योंकि विचार शाश्वत होते हैं। इस अवसर पर इतिहासवेत्ता डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित और वरिष्ठ संगीतज्ञ पं. ओमप्रकाश शर्मा को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से अलंकृत करने के उपलक्ष्य में सार्वजनिक सत्कार किया गया।
अध्यक्षता कुलपति प्रो.अखिलेशकुमार पांडेय ने की। आयोजन में राष्ट्रीय सेवा योजना उज्जैन जिले का सहयोग रहा। रासेयो के डॉ. प्रदीप लाखरे, सुनीता श्रीवास्तव, समाजसेवी सतीश शर्मा, राजश्री जोशी अकादमी के डॉ. संतोष पंड्या आदि उपस्थित थे। संचालन दुर्गाशंकर सूर्यवंशी ने किया।