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मध्य प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन जी यादव के नेतृत्व में बढ़ता मध्य प्रदेश -मंगेश श्रीवास्तव


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन जी यादव के नेतृत्व में बढ़ता मध्यप्रदेश एक ऐतिहासिक फैसला जो उज्जैन ही नहीं पूरे मध्य प्रदेश को आगे  बढ़ाएगी। साथ ही नदी जोड़ो अभियान के तहत कई किसानों को लाभ साथ ही यह फैसला कई पीढियां याद रखेगी । यह बात दीनदयाल विचार मंच के नगर उपाध्यक्ष मंगेश श्रीवास्तव ने कहीं की आज हमारा मध्य प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन जी यादव के नेतृत्व में बढ़ता मध्य प्रदेश विकसित होता मध्यप्रदेश साथ ही मध्य प्रदेश के मुखिया के यह निर्णय स्वागत पूर्ण एवं आने वाली कई पीढ़ियां यह निर्णय को याद रखेगी -मंगेश श्रीवास्तव
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री, मप्र और राजस्थान के सीएम ने त्रिपक्षीय समझौते पर किए हस्ताक्षर
हाथ जुड़े, अब नदियां जुड़ेंगी •
2004 में बना था खाका, 20 साल बाद बनी यह सहमति
मप्र-राजस्थान के बीच 75 हजार करोड़ की नई नदी जोड़ो परियोजना, जुड़ेंगी चंबल-पार्वती-कालीसिंध व 6 नदियां
90 प्रतिशत राशि केंद्र देगा, दोनों राज्यों को अपने हिस्से का 10 प्रतिशत ही देना होगा 
 मप्र और राजस्थान ने जंबल और उसकी सहायक नदियों के पानी के बंटवारे का विवाद सुलझाने के लिए केंद्र की मध्यस्थता में एक त्रिपक्षीय समझौता किया है। इसके तहत राजस्थान की ईस्ट राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) और मप्र की संशोधित पार्वती-कालीसिंध और जंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना को आपस में जोड़कर एक नई राष्ट्रीय नदी परियोजना तैयार की जाएगी। चंबल की सहायक नदियों पार्वती, कालीसिंध, शिप्रा, कूनो, लसुंदर, मेज, क्यूल, बनास नदियों पर कुल 22 बांध और बेराज चनेंगे। इनमें 17 बांध और बैराज मप्र में और 5 राजस्थान में आकार लेंगे। इस पूरी परियोजना पर लगभग 75 हजार करोड़ रुपए को लागत आएगी, जिसकी 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी। दोनों राज्यों को अपने-अपने हिस्से के प्रोजेक्ट को
सिर्फ 10 फीसदी लागत बहन करनी होगी। दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। 
• उज्जैन 
65 हजार हेक्टेयर
• शाजापुर
46 हजार हेक्टेयर
• धार
10 हजार हेक्टेयर
• इंदौर
12 हजार हेक्टेयर
• आगर-मालवा 4 हजार हेक्टेयर
जबल संभाग के शिवपुरी, श्योपुर, गुना, ग्वालियर, मुरैना, भिंड में 2 लाख हेक्टर 
चंबल अपर बेसिन में 7 बांध: सबसे बड़ा उज्जैन में
मप्र में बनेंगे 17 डैम और बैराज, 12 लाख हेक्टेयर जमीन होगी सिंचित
मप्र में सबसे ज्यादा फायदा उज्जैन को...
सिंचाई हो या पेयजल या फिर बांध इस परियोजना से अगर किसी जिले को सबसे अधिक फायदा होता दिख रहा है तो वह उज्जैन ही है।
सिंचाई में उज्जैन की सबसे अधिक जमीन को फायदा
गांधी सागर डेम के अपस्ट्रीम में चंबल नदी पर 5 नए बांध बनेंगे, एक-एक बांध शिप्रा और गंभीर नदी पर बनेगा। इनमें सबसे बड़ा उज्जैन के चित्तावर गांव में 200 एमसीएम जल भंडारण क्षमता का नया बांध बनेगा। सोचचिरी, रामबासा, बचोरा, पटुनिया, सेवरखेरी और सीकरी सुल्तानपुर में 6 छोटे बांध बनेगे l यह निर्णय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन जी यादव का स्वागत पूर्ण बताया मंगेश श्रीवास्तव ने l

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