सरकार ने आम आदमी को इस बार इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी
सरकार ने आम आदमी को इस बार इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आप 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं।
वहीं नई टैक्स रिजीम चुनने पर पहले की तरह ही 3 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसमें भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत सैलरीड पर्सन 7.5 लाख रुपए तक की इनकम पर और अन्य लोग 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
अगर किसी की सालाना इनकम 5 लाख रुपए है। पुरानी टैक्स रिजीम में 2.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है। ऐसे में बचे हुए 2.5 लाख रुपए पर उस व्यक्ति पर 5 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी, उसे 12,500 रुपए टैक्स चुकाना होगा। पर सरकार इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है।
इसमें एक पेंच भी है। अगर आपकी कमाई 5 लाख रुपए से एक रुपए भी ज्यादा हुई तो आपको एक रुपए पर नहीं बल्कि ढाई लाख एक रुपए पर टैक्स चुकाना होगा। अब 2.5 लाख रुपए पर 5 प्रतिशत के हिसाब से 12,500 रुपए की टैक्स देनदारी बनेगी। वहीं बचे हुए 1 रुपए पर 20प्रतिशत के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। यानी, 12,501 रुपए टैक्स चुकाना होगा।
नई टैक्स रिजीम को उदाहरण से समझें
मान लीजिए, अगर किसी की सालाना इनकम 5 लाख रुपए है। नई टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है। ऐसे में बचे हुए 2 लाख रुपए पर उस व्यक्ति पर 5 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी, उसे 10,000 रुपए टैक्स चुकाना होगा। पर इस रिजीम में सरकार 7.5 लाख तक की इनकम पर टैक्स को सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है।
इसमें भी एक पेंच है। अगर आप सैलरीड है और आपकी कमाई 7.5 लाख रुपए से एक रुपए भी ज्यादा हुई तो आपको एक रुपए पर नहीं बल्कि 4,50,001 रुपए पर टैक्स चुकाना होगा। अब 3 लाख रुपए का टैक्स माफ होने के बाद बचे हुए 4,50001 रुपए में से 3 लाख रुपए पर 5प्रतिशत की दर से 15,000 रुपए और बाकी 1,50,001 रुपए पर 10प्रतिशत की दर से 15,000 रुपए चुकाने होंगे।
यानी टैक्स की कुल देनदारी 30,000 रुपए बनेगी। यहां हम आपको ये भी बता दें कि जो लोग सैलरीड नहीं है उन्हें टैक्स डिडक्शन का फायदा 7 लाख रुपए तक की रकम पर ही मिलता है। नए टैक्स सिस्टम में सैलरीड लोगों को 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा अलग से मिलता है, इसलिए उनकी 7.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री हो जाती है।