मरीजों पर दवाइयों के बेअसर होने के चलते उज्जैन में पहली लैब की स्थापना
टीबी मरीजों का प्रॉपर इलाज करनेऔर दवाइयां दिए जाने के बाद भीकुछ मरीज ठीक नहीं हो पा रहे है,यानी उन पर दवाइयां बेअसर होरही है। इस तरह के केस सामनेआने के बाद अब जिला अस्पताल परिसर में स्थित सेठी बिल्डिंग की पहली मंजिल पर लैब की स्थापनाकी जा रही है। बीमारी में कौन सीदवाई ठीक है, यह लैब बताएगी।लैब में अत्याधुनिक व एडवांसतकनीक की मशीनें लगाई जा रही हैं,जिसमें विशेष रूप से टीबी केमरीजों की कल्चर जांच होगी।
रिपोर्टसामने आने के बाद दवाइयों कानिर्धारण किया जाएगा। कल्चर टेस्टके तहत लैब में जीवित बैक्टीरियाको लेकर लैब में ग्रो किया जाएगा,जिसके बाद उन बैक्टीरिया परदवाइयों का असर देखा जाएगा। यदिदवाई से बैक्टीरिया मर जाता है तोउस दवाई को कारगर मानते हुएमरीज के इलाज में उक्त दवाई दीजाएगी और यदि बैक्टीरिया नहींमरता है तो मरीज को दी जा रहीदवाइयों को बंद कर दूसरी दवाई दीजाएगी। सिविल सर्जन डॉ. पीएनवर्मा के अनुसार सेठी बिल्डिंग मेंलैब की स्थापना की जा रही है,जिसकी रिपोर्ट के आधार पर मरीजका इलाज किया जाएगा।