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आदमकद मू​र्ति प्रतिष्ठित करेंगे, आदर्श परिवारप्रशिक्षण केंद्र व विद्यापीठ के लिए 101 कमरे होंगे


इस मंदिर में 6 फीट की मूर्ति की प्रतिष्ठा की जाएगी। 101 कमरों मेंविद्यापीठ और आदर्श परिवार प्रशिक्षण केंद्र संचालित किया जाएगा,जिसमें युवाओं प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा कि माता-पिता व वृद्धजन सेकैसा व्यवहार किया जाए। कोई भी माता-पिता का भक्त दो कमरों केलिए निश्चित राशि देकर अपने माता-पिता का श्रवण कुमार बनकरअपना व माता-पिता का नाम अमर कर सकता है।

अंबोदिया रोड, सदावल मेंश्री श्रवण कुमार का मंदिरमाता-पिता आराधक श्री श्रवणकुमार सेवा संस्था द्वाराबनाया जाएगा। इसमें आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मंदिर परिसर में 101 कमरों में विद्यापीठ और आदर्श परिवार प्रशिक्षण केंद्रका संचालन किया जाएगा।सोमवार को इसके के लिएभूमिपूजन स्वास्तिक पीठाधीश्वरडॉ. अवधेश पुरी महाराज परमहंसके सान्निध्य में किया गया।भूमिपूजन अवसर पर निगम सभापति कलावती यादव, महापौर मुकेश टटवाल, विधायक अनिलजैन कालूहेड़ा, समाजसेवीनारायण यादव व आनंद सिंहखींची अतिथि के रूप में उपस्थितथे।

संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं.दिनेश शास्त्री ने कहा अवंतिकाक्षेत्र सृष्टि की रचना के आरंभ सेही पूजनीय पवित्र और वंदनीय है,क्योंकि समय की गणना का केंद्रराजा महाकाल से प्रारंभ होता है।अवंतिका क्षेत्र में श्रवण कुमारअपने माता-पिता को तीर्थ यात्रापर लाए थे। जग विदित है कि वेमाता-पिता के परम आराधक थे।वर्तमान समय में माता-पिता औरवृद्धजन का सम्मान घटता जारहा है। माता-पिता का सम्मान तोश्रीराम व श्रीकृष्ण ने भी किया,फिर हम उनके अनुयायी होकरगलत आचरण कैसे कर सकतेहैं। आज के युवाओं में माता-पिताके प्रति समर्पण के भाव उत्पन्नकरना है तो हमें श्रवण कुमार कोपढ़ना, समझाना और पूजनाहोगा, जिससे हमारे भाव भीमाता-पिता के लिए सम्माननीयहों। श्रवण कुमार जैसा बनना तोअसंभव है परंतु उनके जीवनचरित्र से हम इतनी प्रेरणा ही प्राप्तकर लें कि माता-पिता का अपमाननहीं करना चाहिए तो भी हमाराजीवन धन्य है।

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