सुंदर हस्तक, तालमय, पद संचालन से विशेषवातावरण का सृजन होता है कथक में -अश्वनी
भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता विश्वकी प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है, जोअपने आप में विज्ञान, अध्यात्म, कला,साहित्य, दर्शन का अद्भुत कोष समाहितकिए हुए है। इसमें सुंदर हस्तक, तालमय, पद संचालन और अद्भुत चक्कर से एक विशेष वातावरण का सृजन किया जाता है। इसकेमूल में अभिनय के माध्यम से कथाओं कोमूर्त रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
यह बात नई दिल्ली की कथक नृत्यांगना अश्वनी सोनी ने मंगलवार को स्पीक मैके एवंसंस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्ततत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय नृत्यकार्यशाला के शुभारंभ दिवस पर शासकीयमाध्यमिक विद्यालय नीलगंगा में विद्यार्थियोंको कथक नृत्य विधा से परिचित कराते हुएकही। उन्होंने अपने नृत्य प्रदर्शन की शुरुआतगणेश वंदना से करते हुए विद्यार्थियों को गणेशजी के विभिन्न स्वरूपों से परिचित कराया।यहां पर उन्होंने बच्चों को विभिन्न हस्त मुद्राओंव पद संचालन की जानकारी दी। स्वागतशिक्षिका सीमा ठाकुर ने किया।
दूसरी स्तुतिदोपहर 12:30 बजे शासकीय माध्यमिकविद्यालय ऋषिनगर में हुई। यहां कार्यक्रम कीशुरुआत गुरु वंदना से कर छात्र जीवन में गुरुकी महत्ता को दर्शाया। यहां आभार शिक्षिकापुष्पा वर्मा ने माना। स्पीक मैके के राष्ट्रीयउपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने बताया बुधवारको अश्विनी सुबह 10.45 बजे शामाविनिनोरा व दोपहर 12.15 बजे शामावि मेडियागांव में प्रस्तुति देंगी।