संशोधित पार्बती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच हस्ताक्षर लिंक परियोजना पश्चिमी मध्यप्रदेश के लिए होगी वरदान: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
उज्जैन 30 जनवरी। मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच आज श्रमशक्ति भवन स्थित
जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में संशोधित पार्बती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के
त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत,
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की उपस्थिति
में सचिव, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय श्रीमती देबाश्री मुखर्जी, मध्य प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, जल
संसाधन डॉ. राजेश राजौरा और राजस्थान शासन के अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन श्री अभय कुमार ने
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होने के उपरांत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगभग दो दशकों से लंबित पार्बती-कालीसिंध-चंबल
परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के 13
जिलों को लाभ पहुंचेगा। प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और
श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों जैसे इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-
मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश के मालवा और
चंबल अंचल में लगभग तीन लाख हेक्टेयर का सिंचाई रकबा बढ़ेगा। परिणामस्वरूप इन अंचलों के धार्मिक
और पर्यटन केंद्र भी विकसित होंगे। यह परियोजना निश्चित रूप से पश्चिमी मध्यप्रदेश के लिए एक
वरदान है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यह परियोजना 5 वर्ष से कम समय में फलीभूत होगी,
जिसकी वर्तमान लागत लगभग 75000 करोड़ रुपए है। प्रदेश के लगभग 1.5 करोड़ आबादी इस
परियोजना से लाभान्वित होगी। यह परियोजना प्रदेश की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, जैसी समस्याओं का
समाधान कर प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी।