यहां युद्ध करते बाली-सुग्रीव के पीछे बाण लिए खड़े हैं श्रीराम, 1000 साल पुरानी दुर्लभ प्रतिमा
राजवास हो या वनवास, मिलाप हो या विरह, उल्लास हो या शोक... परिस्थिति अनुरूप आदर्श चरित्र कैसा होना चाहिए, यह भगवान श्री राम का जीवन सिखाता है। मित्र धर्म का पालन सिखाती श्रीराम की ऐसी ही एक दुर्लभ प्रतिमा उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय के पुरातत्व संग्रहालय में है, जानें इस दुर्लभ प्रतिमा के बारे में ये इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स...राजवास हो या वनवास, मिलाप हो या विरह, उल्लास हो या शोक... परिस्थिति अनुरूप आदर्श चरित्र कैसा होना चाहिए, यह भगवान श्री राम का जीवन सिखाता है। मित्र धर्म का पालन सिखाती श्रीराम की ऐसी ही एक दुर्लभ प्रतिमा उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय के पुरातत्व संग्रहालय में है। यहां बाली वध का चित्रण करता अद्भुत पाषाण फलक है, जो करीब एक हजार वर्ष पुराना है। कीर्तिमंदिर परिसर स्थित पुरातत्व संग्रहालय में भगवान श्रीराम के जीवनकाल के एक प्रसंग को दर्शाती पाषाण प्रतिमा उपलब्ध है।पुरातत्वविद् डॉ. रमण सोलंकी बताते हैं कि यह श्रीराम जी का एक हजार साल पुराना महत्वपूर्ण परमार कालीन फलक है। इस फलक में प्रदर्शित दृश्य बाली-सुग्रीव युद्ध का है। फलक के अग्र भाग पर बाली और सुग्रीव के बीच चल रहे युद्ध और पीछे धनुष बाण लिए खड़े राम दिखाई देते हैं। फिलहाल पुरातत्व संग्रहालय का जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है। इसलिए इस दुर्लभ फलक की सुरक्षा के लिए इसे पैक कर दिया गया है। इसलिए इसका चित्र फिलहाल उपलब्ध नहीं हो सका है।