संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय द्वारा पत्रकार प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई
उज्जैन 16 सितम्बर। शनिवार को संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय द्वारा उज्जैन जिले के
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों की पत्रकार प्रशिक्षण कार्यशाला का
आयोजन किया गया। कार्यशाला में संयुक्त संचालक सुश्री रश्मि देशमुख द्वारा स्वागत उद्बोधन
देते हुए कहा गया कि मध्य प्रदेश सरकार पत्रकारों के कल्याण के प्रति के सजग है। 7 सितंबर को
भोपाल में आयोजित पत्रकार समागम कार्यशाला में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकार
हितैषी अनेक घोषणाएं की हैं, जिनके तहत श्रद्धा निधि की राशि में वृद्धि करते हुए 10 हजार की
राशि को बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया है। साथ ही 65 वर्ष से अधिक आयु वाले पत्रकार एवं
उनकी पत्नी के बीमा का पूरा प्रीमियम राज्य सरकार वहन कर रही है।
गंभीर रूप से घायल पत्रकारों के उपचार की राशि में भी वृद्धि की गई है। 50 हजार से
बढ़कर यह राशि एक लाख लाख तक की गई है। वहीं सामान्य बीमारी में उपचार की राशि भी
बढ़ाई गई है। इसके तहत 20 हजार से बढ़कर राशि 40 हजार रुपये कर दी गई है। शीघ्र ही पत्रकार
सुरक्षा कानून बने, इसके लिए भी एक कमेटी का गठन मध्य प्रदेश शासन द्वारा किया जाएगा। इसमें
सीनियर पत्रकार रहेंगे, जो पत्रकारों की सुरक्षा हेतु अपने सुझाव देंगे। सुश्री देशमुख ने बताया कि
जनसंपर्क विभाग की मंशा है कि अधिमान्यता के स्तर का विस्तार किया जाए। इसके लिए तहसील
स्तर पर कार्यरत पत्रकारों को तहसील स्तरीय अधिमान्यता देने के लिए अधिक प्रयास किया जा रहे
हैं। जनसंपर्क विभाग द्वारा पत्रकारों का हमेशा सहयोग किया जाता है। जिले के सभी पत्रकार बहुत
सम्माननीय हैं। जनसंपर्क विभाग हमेशा प्रयास करता है कि कोई भी सूचना एवं समाचार तत्परता से
प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक पहुंच सके। शासकीय योजनाओं के विशेष तौर पर प्रचार-प्रसार के
क्रियान्वयन में हमेशा से ही जिले के पत्रकारों का सहयोग जनसंपर्क विभाग को मिलता रहा है।
वरिष्ठ व्याख्याता प्रो.सुशील शर्मा ने कार्यशाला में सम्बोधित करते हुए कहा कि 80
और 90 के दशक में उज्जैन में पत्रकारों की संख्या काफी कम थी। वर्ष 2000 के पश्चात
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। उस समय
और वर्तमान की पत्रकारिता में जमीन-आसमान का अंतर है। पहले के समय में पत्रकारों के पास
संसाधनों की कमी थी। वर्तमान में पत्रकार साधन-सम्पन्न हैं। पत्रकारों को अपनी शैली
को तराशना चाहिये। उन्हें एक विजन का निर्माण आने वाले समय में करना होगा। पत्रकार अपने
कंटेंट्स पर विशेष ध्यान दें। अगली पीढ़ी को हमें इसी प्रकार तैयार करना होगा।