प्रदेश में शराब में होलोग्राम घोटाला
प्रदेश का आबकारी विभाग आये दिन किसी न किसी घोटाले को लेकर चर्चा में रहता है। अब होलोग्राम घोटाले का खुलासा हुआ है। इसमें शराब दुकानों पर बेची जा रही महंगी शराब पर सस्ती शराब का होलोग्राम चस्पा कर बेचा जा रहा है। घोटाला सामने आने के बाद आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव ने प्रदेश के सभी उपायुक्त, संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी, देशी, विदेशी व बीयर विनिर्माण इकाइयों के समस्त प्रभारी अधिकारियों को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश में विदेशी शराब के 14 गोदाम व 24 डिस्टलरी में होलोग्राम घोटाले की जांच की जा रही है।मप्र में 90 एमएल, 180 एमएल, 375 एमएल व 750 एमएल के क्वार्टर व बोतल में शराब की सप्लाई की जाती है। एक पेटी में 90 एमएल के 96 क्वार्टर, 180 एमएल की पेटी में 48 क्वार्टर, 375 एमएल की शराब पेटी में 24 व 750 एमएल की शराब बोतल की पेटी में 12 बोतल की पैकिंग रहती है। इन सभी बोतल व क्वार्टरों पर होलोग्राम चस्पा रहता है। हो यह रहा है कि 90 एमएल के 96 क्वार्टर की पेटी पर लगने वाले बार कोड को 750 एमएल की 12 बोतल की पेटी पर उपयोग किया जा रहा है। यानि कि 90 एमएल की पेटी के होलोग्राम से महंगी शराब की 12 बोतल की 8 से अधिक पेटी तैयार की जा रही हैं।
क्या है होलोग्राम
शराब की बोतल पर लगे होलोग्राम को स्कैन करने पर उस बोतल में भरी शराब की कंपनी, गुणवत्ता, क्षमता आदि की विस्तृत जानकारी रहती है। घोटाले के कारण प्रदेश में महंगी की शराब की बोतल खरीदने पर उस पर लगे होलोग्राम को स्कैन करने पर सस्ती शराब के क्वार्टर की जानकारी आ रही है।