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हर ब्लॉक और नगरों में दो-दो पीएमश्री स्कूल की सराहनीय पहल


संदीप कुलश्रेष्ठ
            राज्य सरकार ने हाल ही में यह निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश के हर विकासखंड में दो पीएमश्री स्कूल शुरू होंगे। इस प्रकार मध्यप्रदेश में कुल 730 पीएमश्री स्कूल खुल सकेंगे। इस निर्णय के अनुसार पुराने चिन्हित स्कूलों को ही अपग्रेड करके उसका फिर से पीएमश्री स्कूल बनाया जायेगा। इसके अन्तर्गत एक स्कूल में पहली से आठवीं तक की पढ़ाई होगी और दूसरे स्कूल में नौवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई की जायेगी।
ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों को भी मिलेगी सुविधा -
              मध्यप्रदेश के 313 विकासखंडों में 626 पीएमश्री स्कूल शुरू किए जायेंगे। इसी प्रकार प्रदेश के 52 जिलों के नगरीय निकायों में 104 स्कूल शुरू किए जायेंगे। इन स्कूलों के संचालन में हर साल 277 करोड़ 40 लाख रूपए का खर्च किया जायेगा। इस राशि में से 60 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र सरकार देगी और 40 प्रतिशत राज्य सरकार देगी। मध्यप्रदेश सरकार हर साल 110 करोड़ रूपए इसके लिए खर्च करेगी। 
5 साल के लिए व्यवस्था -
             पीएमश्री स्कूलों के संचालन की यह व्यवस्था 5 साल तक रहेगी। इस अवधि के बाद पीएमश्री स्कूलों की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। पीएमश्री स्कूल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को शामिल किया गया है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता, समानता और शिक्षा सुविधा का विकास किया जा सकेगा। 
पीएमश्री स्कूल -
              प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया ( पीएम -एसएचआरआई ) केन्द्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के अर्न्तगत देश के मौजूदा स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में अपग्रेड किया जा रहा है। ये स्कूल जहाँ भी शुरू किए गए है वहाँ उसके बहुत अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं।
पीएमश्री स्कूल एक आदर्श विद्यालय -
               पीएमश्री स्कूल जबसे शुरू किए गए है, तबसे इसकी सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है वर्तमान स्कूल को ही उन्नत कर उसे आदर्श स्कूल के रूप में परिवर्तित करना। इस विशेषता के कारण अधोसंरचना में अधिक खर्च नहीं होगा। जो भी खर्च किया जायेगा वह शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षकों की पदस्थापना और कक्षों की बढ़ोत्तरी आदि पर खर्च होगा। इस मायने में यह एक आदर्श व्यवस्था है। इस व्यवस्था को सतत लागू किया जाना चाहिए, ताकि एक दिन ऐसा आए तब देश का हर स्कूल आदर्श विद्यालय बन जाए। इसमें समय लगेगा। किन्तु अच्छे कार्य की शुरूआत हुई, इसके लिए यह सराहनीय पहल कही जा सकती है।
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