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शाइनिंग मध्यप्रदेश का शोर और हकीकत


श्रीप्रकाश दीक्षित , वरिष्ठ पत्रकार
                       मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज आज दूसरे दौर के राज की तीसरी सालगिरह मना रहे हैं.इस मौके पर अख़बारों को दो पेज के विशाल और दो अन्य विज्ञापनों की सौगात दी गई है.पता नहीं क्यों वो इसमें पहले दौर के तेरह साल को नहीं जोड़ते हैं.मुझे तेरह साल के राज के बाद पिछले चुनाव से पहले की उनकी घोषणा की याद हो आई की पाँच साल में प्रदेश से गरीबी का नामोनिशान मिटा दूंगा.? अब उन्हें इसका खुलासा करना चाहिए की तेरह साल और पिछले तीन साल में कितनी गरीबी मिटी..? अब फिर नौ महीने बाद चुनाव होने वाले हैं सो साल-23 के अस्सी दिनों में शायद ही कोई दिन रहा होगा जब अखबारों में शिवराज राज का विशाल विज्ञापन ना छपा हो जिसमे आधा पेज मोदीजी और उनके दमकते चेहरों की तस्वीरें घेरें रहती हैं. शाइनिंग मध्यप्रदेश की चमकीली विज्ञापनबाजी के वावजूद अखबारों में छपी खबरें/तस्वीरें और विधानसभा में दी गईं  जानकारियाँ उनके राज का कृष्णपक्ष सामने लाती है।
                       आज छपा विज्ञापन बताता है की नौ हजार खास स्कूलों का निर्माण 6,300 करोड़ रुपये से किया जा रहा है.पर उनके गृह जिले और अन्य जिलों के स्कूलों की दुर्दशा इन सीएम स्कूलों पर विशाल राशि के खर्च पर सवाल उठा रही है.जब केंद्र ने बीस बाईस बरस पहले ऐसे स्कूल प्रारंभ किए थे तो नाम दिया था-नवोदय विद्यालय जबकि हिंदीप्रेमी शिवराज ने नाम दिया-सीएम राइज स्कूल.आज के विज्ञापन में युवा नीति प्रारंभ करने का ऐलान किया गया हैं और इसके लिए शब्द चुना है-लाँच.विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के 6600 सरकारी स्कूलों में टायलेट ही नहीं हैं. विधानसभा में ही दी गई जानकारी के अनुसार पिछले तींन साल में प्रदेश के 39 लाख युवा बेरोजगारों में से सिर्फ 21 को ही सरकारी नौकरी नसीब हुई।
                       एक खौफनाक खबर है की प्रदेश में पिछले आठ साल में पच्चीस हजार से ज्यादा दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या कर ली और इस मामले में सुख का दाता प्रदेश तीसरे स्थान पर है.कोरोना के बाद से राज्य में परिवारों द्वारा सामूहिक ख़ुदकुशी की घटनाएँ बढ़ी हैं जिनके मूल में आर्थिक अभाव ही हैं.मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में भ्रष्टाचार को उनके पालक जिले विदिशा के पार्टी विधायक ने ही उजागर किया है.कुपोषित शिशुओं के साथ हो रहे मजाक को भी खबर उजागर करती है.शिवराज सरकार द्वारा अंधाधुन कर्ज लेने से चुनाव से पहले प्रदेश का हर नागरिक 38 हजार का कर्जदार हो जाएगा.दैनिक भास्कर का बात बेबाक कालम सरकार को खूब आईना दिखा रहां है।

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