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सुप्रीम कोर्ट नहीं सुनेगा नोटबंदी के अलग मामले


सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की नोटबंदी में बंद किए गए 500-1000 के नोटों को एक्सेप्ट करने के अलग-अलग मामलों पर विचार करने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि इसके लिए याचिकाकर्ता केंद्र सरकार के पास जाएं।कोर्ट ने सरकार को भी 12 हफ्ते के अंदर 500-1000 के नोटों के आदान-प्रदान पर जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया।साथ ही कहा कि अगर कोई याचिकाकर्ता सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, तो वह हाईकोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र होगा।संविधान पीठ के फैसले के खिलाफ अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकतेजस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने कहा- याचिकाकर्ताओं की शिकायतें और परेशानियां सही हो सकती हैं, लेकिन कानून के मद्देनजर ये अदालत उन्हें कोई राहत नहीं दे सकती।हमें नहीं लगता कि संविधान पीठ के फैसले के बाद संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत हमें व्यक्तिगत मामलों में अपने अधिकार का इस्तेमाल करने की परमिशन दी जाएगी।

नोटबंदी को सही ठहरा चुकी सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ
जनवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया था। पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि 500 और 1000 के नोट बंद करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। बेंच ने यह भी कहा था कि आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता।

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