छः साल की उम्र में ही कक्षा 1 ली में प्रवेश : करीब चार दशक पूर्व की व्यवस्था बहाल
संदीप कुलश्रेष्ठ
केन्द्र सरकार ने हाल ही में नई शिक्षा नीति के अर्न्तगत यह तय किया है कि कक्षा 1 ली में प्रवेश के लिए कम से कम उम्र छः साल हो। इस संबंध में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई -
केन्द्र की नई शिक्षा नीति के अनुसार 3 से 8 साल तक के बच्चों को 5 साल तक फाउंडेशनल स्टेज में शिक्षा दी जायेगी। इसमें 3 साल प्री स्कूल की शिक्षा दी जायेगी और 2 साल की प्रारंभिक प्राथमिक ग्रेड -1 और ग्रेड-2 शामिल किया गया है। इसके बाद 6 साल की उम्र में ही कक्षा 1 ली में दाखिले मिल सकेंगे।
करीब 4 दशक पूर्व की व्यवस्था लागू -
उल्लेखनीय है कि करीब 4 से 5 दशक पहले यह नीति लागू थी कि 6 साल की उम्र पूरी होने के बाद ही छोटे बच्चों को 1 ली कक्षा की शिक्षा दी जायेगी। 6 साल से कम उम्र के बच्चों को कक्षा 1 ली में प्रवेश नहीं मिल पाता था। पहले कक्षा 1 ली के पूर्व शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी। पूर्व के शिक्षाविदों का यह दृढ़ मत था कि 6 साल के पहले बच्चों को औपचारिक शिक्षा नहीं देते हुए उसे प्राकृतिक वातावरण में खेलने कूदने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। इससे उसका शारीरिक और मानसिक विकास अच्छी तरह हो सकता है। केन्द्र सरकार ने इस प्रकार करीब 4 से 5 दशक पूर्व की व्यवस्था लागू कर सराहनीय कार्य किया है।
सरकारी और अशासकीय स्कूलों में लागू -
नई शिक्षा नीति के अर्न्तगत केन्द्र सरकार का यह आदेश सरकारी और गैर सरकारी सभी स्कूलों पर लागू किया गया है। अब इस बदलाव को देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है। मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों पर यह बंधनकारी रहेगा।
नई पहल से होंगे स्कूली शिक्षा में कई तरह के बदलाव -
शिक्षा मंत्रालय की इस नई पहल से स्कूली शिक्षा में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शुरुआती 5 साल की उम्र सीखने की फंडामेंटल स्टेज है । जो बच्चों को निर्बाध सीखने और उनके विकास को बढ़ावा देती है। केंद्र सरकार के इस फैसले से बच्चे की गुणवत्तापूर्ण प्री स्कूल शिक्षा तक पहुंच को सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। अभी तक सभी राज्यों में उम्र सीमा भिन्न - भिन्न थी, लेकिन अब जारी नए निर्देशों के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कक्षा 1 में एडमिशन की उम्र 6 वर्ष कर दी गई है।
सराहनीय पहल -
केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अर्न्तगत अनेक बदलाव किए गए है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है 6 साल के बच्चे को 1 ली में दाखिला मिलना। इसके पूर्व की शिक्षा अनौपचारिक शिक्षा के रूप में लागू की जायेगी। इससे बच्चे की नींव मजबूत हो सकेगी। जब बच्चे की नींव मजबूत होगी तो वह आगे जाकर और अच्छी तरह से पढ़ सकेगा और अपने जीवन में आगे बढ़ सकेगा।
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