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महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल के दर्शन के आसान उपाय


डॉ. चन्दर सोनाने
               महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। महाकाल लोक बनने के बाद तो श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। हर बार जिला और पुलिस प्रशासन महाकाल के आसान दर्शन कराने का दावा करता है, किन्तु हर बार शिवरात्रि पर्व पर 4 से 5 घंटे में बाबा महाकाल के श्रद्धालुओं को दर्शन हो पाते है। 
इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के आने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। वर्ष 2004 के सिंहस्थ के पूर्व तत्कालीन संभागायुक्त सुश्री स्वर्णमाला रावला और कलेक्टर श्री भोपाल सिंह द्वारा नंदीगृह के पीछे गणेश मंडपम में पहली बार श्रद्धालुओं के सुलभ और आसान दर्शन के लिए 9 कतारों का निर्माण किया था। उसी समय गणेश मंडपम के ऊपर कार्तिकेय मंडपम का भी निर्माण किया गया था। उस समय इतिहास गवाह है कि सिंहस्थ के दौरान आधे से एक घंटे के बीच श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के दर्शन आसानी से हो रहे थे। 
                मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वर्ष 2016 के सिंहस्थ के समय वर्ष 2004 के सिंहस्थ के दौरान तैनात रहे डिप्टी कलेक्टर श्री नीरज वशिष्ठ को महाकाल मंदिर में विशेष तौर से तैनात किया गया था। श्री वशिष्ठ ने उस समय भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नौ कतार को चलाकर श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन सुलभ कराए थे। 
          किन्तु 2004 के सिंहस्थ के बाद अब तक जो भी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक उज्जैन में तैनात किए जाते हैं, वे सभी प्रयोग ही करते रहे हैं। उपलब्ध सुविधाओं का समुचित लाभ उन्होंने कभी नहीं लिया। नंदीगृह के पीछे 9 कतारों में से 7 कतारों को बेरीकेडिंग लगाकर बंद कर दिया जाता है और मात्र दो कतारों से दर्शनार्थियों को दर्शन के लिए झांक दिया जाता है। बमुश्किल दर्शनार्थी बाबा महाकाल के दर्शन कर पाते हैं। 
                  इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर पुलिस महानिरीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह और उप पुलिस महानिरीक्षक श्री संतोष कुशवाह ने दर्शनार्थियों के दर्शन के लिए जो योजना बनाई है, उसके अनुसार पता चलता है कि वे नंदीगृह के पीछे की उपलब्ध 9 कतारों में से 7-8 कतारों से दर्शन करवाने की योजना बना रहे हैं। यदि वे ऐसा सोच रहे हैं और कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को इसकी विशेष जिम्मेदारी देकर योजना बनाएंगे तो निश्चित रूप से श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सकेंगे। 
              महाशिवरात्रि पर्व और अन्य तीज त्यौहारों पर पूर्व में 9 कतारों से दर्शन नहीं कराने के मुद्दे पर जिला प्रशासन के एडीएम श्री संतोष टेगौर का मत है कि नौ कतार से दर्शन तो करा दें, किन्तु निर्गम में अत्यधिक असुविधा होती है। इससे जिला प्रशासन को दुर्घटना की आशंका होती है। इस कारण गणेश मंडपम के नौ कतारों को उपयोग करने की बजाय दो-तीन कतारों का ही उपयोग किया जा रहा है। यदि ऐसा ही है तो सिंहस्थ 2004 और 2016 के दौरान तत्कालीन कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों द्वारा इस प्रकार नौ कतारों का उपयोग कर दर्शनार्थियों को आसान दर्शन सुविधा कैसे दी गई थी ? उस समय के वीडियो को देखकर इस समस्या का भी निराकरण किया जा सकता है। 
                 इस समस्या का एक और महत्वपूर्ण उपाय है। वह यह कि महाशिवरात्रि पर्व के बाद गणेश मंडपम के नौ कतारों के समानान्तर दर्शनर्थियों के बाहर जाने के मार्ग को पर्याप्त चौड़ा कर दिया जाए। इससे श्रद्धालु नौ कतार से बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद मंदिर से बाहर खुले परिसर में जा सकेंगे और वहाँ से वे आसानी से बाहर भी निकल सकेंगे। यह सुविधा उपलब्ध कराने से श्रद्धालुओं के नौ कतार से बाहर जाने की समस्या का निराकरण भी हो सकेगा। 
               इसी प्रकार सिंहस्थ 2004 में ही गणेश मंडपम के ऊपर कार्तिकेय मंडपम का निर्माण किया गया था। अभी हो यह रहा है कि दर्शनार्थियों को कार्तिकेय मंडपम से ले जाकर गणेश मंडपम से बाबा महाकाल के दर्शन कराए रहे हैं। इसकी बजाय महाशिवरात्रि पर्व और अन्य तीज त्यौहारों पर कार्तिकेय मंडपम और गणेश मंडपम से दर्शन की प्रवेश और निर्गम की पृथक-पृथक व्यवस्था कर दी जाए। इससे वर्तमान से कई गुना ज्यादा दर्शनार्थियों को दर्शन की आसान सुविधा मिल सकेगी।
                निःसंदेह उज्जैन में महाकाल मंदिर के परिसर का विस्तार कर देने से श्रद्धालुओं से अधिक दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ रही है। अभी महाकाल मंदिर के पीछे का करीब आधे परिसर का विस्तार और निर्माण किया गया है। मंदिर के सामने के परिसर का विस्तार और विकास का निर्माण कार्य अभी चल रहा है। यह भी पूर्ण हो जाने के बाद भविष्य में बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए और भी श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों के बढ़ने की प्रबल संभावना है। इसे ध्यान में रखकर नंदीगृह के पीछे गणेश मंडपम से नौ कतारों से नियमित रूप से दर्शन करने और सुविधापूर्वक बाहर निकलने के नए मार्ग की आज अत्यन्त आवश्यकता है। इसी प्रकार कार्तिकेय मंडपम से भी पृथक से दर्शन की सुविधा की व्यवस्था करना जरूरी है। 
              आगामी सिंहस्थ वर्ष 2028 में आयोजित होने जा रहा है। उस समय तक तो श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों की संख्या में और भारी वृद्धि होने की संभावना है। इसलिए भी आसानी से भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन हो सके इसके लिए भी उक्त निर्गम द्वार का निर्माण अत्यन्त आवश्यक है। इसके साथ ही कार्तिकेय मंडपम का भी समुचित उपयोग किया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान महाकाल भक्त है। उम्मीद है कि वे इस ओर ध्यान देंगे। आशा यह भी है कि उज्जैन के वरिष्ठ अधिकारी भी इस ओर गंभीरतापूर्वक विचार विमर्श कर योजना को मूर्त रूप देंगे। 
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