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अपना एमपी गज्जब है..51 बदन खुजलाते मंत्री और "भक्त" कलेक्टर!


अरुण दीक्षित , वरिष्ठ पत्रकार
                चुनावी साल आते ही एमपी में एक साथ तरह तरह के "खेल" शुरू हो गए हैं!एक ओर जहां 17 साल बनाम 15 महीने के बीच जवाबी कीर्तन चल रहा है!वहीं दूसरी ओर करीब दो दशक पुरानी हो चली राज्य सरकार इस अवधि में अपने द्वारा किए गए "विकास" को दिखाने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है!जिस तरह की मुहिम चल रही है उसे देखते हुए ऐसा लग रहा है जैसे विकास घर छोड़ कर भाग गया है!सरकार और सरकारी मशीनरी उसे खोजने में पूरी शिद्दत से लगी है।विकास के नाम पर अखबारों को अच्छी आमदनी हो रही है।फर्क सिर्फ इतना है कि आमतौर पर जिस व्यक्ति को खोजा जाता है उसके लिए दिए गए विज्ञापनों में कहा जाता है - बेटा जल्दी घर आ जाओ!मां बीमार हैं!तुम्हें याद कर रही हैं!तुम आ जाओ!तुम्हें कोई कुछ नही कहेगा!
 लेकिन सरकार ने नवाचार किया है।वह अखबारों के जरिए यह बता रही है कि उसने विकास के नाम पर क्या क्या किया है!सूची बहुत लंबी है।लेकिन जब उसके मंत्री और संतरी मौके पर पहुंचते हैं तो अधिकांश जगहों से "विकास" नदारद मिलता है।
                कहीं मंत्री जी की गाड़ी अटक जाती है तो कहीं सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास रथ आगे बढ़ने से इंकार कर देते हैं।कहीं लोग मंत्री और विधायकों को आईना दिखा देते हैं तो कहीं काले झंडों से स्वागत भी कर देते हैं।सत्तारूढ़ दल के विधायक और मंत्री इन बातों को विरोधियों का काम बता कर आगे बढ़ जाते हैं।और बेचारा विकास मुंह छुपाता फिरता है।
 लेकिन दो दिन पहले अशोक नगर जिले के मुंगावली कस्बे में विकास यात्रा में जो नजारा दिखाई दिया वह अद्भुत था।शिवराज सरकार में लोक स्वास्थ्य मंत्री अपने इलाके के लोगों को विकास गाथा सुना रहे थे!शाम हो चली थी!अचानक मंत्री जी बेचैन हो उठे!वे बंदर की तरह अपना बदन खुजलाने लगे!देखते ही देखते उन्होंने अपना कुर्ता उतार फेंका !
 अचानक मंत्री जी को उछल कूद करते देख लोगों को कुछ समझ नही आया।खुद मंत्री ने ही उन्हें बताया कि "विकास गाथा" दौरान किसी ने उनके ऊपर खुजली करने वाली कौंच की फली का पाउडर डाल दिया है। इस वजह से वे "आदि मानव" बने जा रहे हैं।
                 मंत्री को खुजली पाउडर लगाने वाला "विकास द्रोही" कौन था ,यह तो पता नही चल पाया।लेकिन मंत्री को खुजली से बचाने के लिए रात में ही उन्हें सार्वजनिक स्थान पर मिनरल वॉटर से स्नान कराया गया।चूंकि मंत्री जी का स्वास्थ्य बुलेटिन जारी नही हुआ है।इसलिए उनके स्वास्थ्य की अद्यतन जानकारी नहीं मिल पाई है।विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि फिलहाल मंत्री जी के दूत मंत्री को खुजली पाउडर लगाने वाले को खोज रहे हैं।
                मंत्री के साथ हुई इस घटना पर सरकार की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।इसकी वजह बताई गई है कि "समर्थन मूल्य" पहले ही दिया जा चुका है।अब किसी तरह की कोई गुंजाइश नहीं है।आपको याद तो होगा ही कि कांग्रेस की चलती सरकार से कुछ विधायक निकल गए थे।उन्होंने फिर से बीजेपी की सरकार बनवा दी थी।कांग्रेस आज तक कह रही है कि इसके लिए उन विधायकों को भारी कीमत मिली थी। उधर दूसरी ओर अपने गर्भ में तरह तरह के हीरे दबाए बैठे पन्ना जिले के कलेक्टर "भक्तिभाव" में ऐसे बहे कि आजादी के शताब्दी वर्ष में भी बीजेपी सरकार बनाए रखने की अपील जनता से करने लगे!
                खबर है कि कलेक्टर साहब सरकार की विकास यात्रा में शामिल थे।उनका एक वीडियो सामने आया है।उसमें "कलेक्टर" लोगों से कह रहे हैं - अगले 25 साल तक इसी सरकार के साथ बने रहना है।किसी के बहकाने में आने की जरूरत नहीं है। और भी कई बातें उन्होंने भोपाल से लेकर दिल्ली तक की सरकार के पक्ष में कहीं। "कलेक्टर" के इस बयान पर कांग्रेस बिलबिला रही है और बीजेपी गदगद है। उसे लग रहा है कि इससे बड़ा "भक्त" और कहां मिलेगा!  बताते हैं कि इन "कलेक्टर" साहब को लेकर हाईकोर्ट भी टिप्पणी कर चुका है।लेकिन उनकी "भक्ति" से गदगद सरकार ने उसे भी अनदेखा कर दिया है।
 इस सबके बीच प्रदेश में एक रोचक सवाल जवाब का दौर भी चल रहा है।17 साल से भी ज्यादा समय मुख्यमंत्री की कुर्सी पर गुजार चुके वर्तमान मुख्यमंत्री कुल 15 महीने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे पूर्व मुख्यमंत्री से रोज एक सवाल पूछ रहे हैं। मजे की बात यह है कि सवाल दोनों तरफ से हो रहे हैं लेकिन जवाब कहीं से भी नही आ रहा है।वैसे 17 साल और 15 महीने का कोई मुकाबला नहीं नही हो सकता!
हालांकि सिर्फ 9 महीने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रही एक संन्यासिन भी राज कोई न कोई सवाल कर रही हैं।लेकिन उन बेचारी की कोई सुन ही नहीं रहा है।
 कुल मिलाकर अपने एमपी में एक अजब तमाशा हो रहा है!
 हो भी क्यों न!आखिर अपना एमपी गज्जब जो है!है कि नहीं?

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