अब तो पेट्रोल डीजल के दाम कम करें सरकार
संदीप कुलश्रेष्ठ
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिरकर 79.61 डालर प्रति बैरल पर आ गया है। यह भाव करीब 15 महीने पहले 28 सितम्बर 2021 को था। इस हिसाब से केन्द्र सरकार को पेट्रोल डीजल के भाव अब तो कम कर देना चाहिए।
42.8 प्रतिशत सस्ता कच्चा तेल -
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव गिर जाने से यह करीब 42.8 प्रतिशत सस्ता हो गया है। यह इसलिए क्योंकि 7 मार्च को कच्चे तेल के दाम 139.13 डालर प्रति बैलर तक पहुँच गए थे। हाल ही में कच्चे तेल के भाव 79.61 डालर प्रति बैलर पर आ गया है। इस हिसाब से कच्चा तेल करीब 43 प्रतिशत सस्ता हो गया है।
पेट्रोल-डीजल के दाम 5 प्रतिशत भी नहीं घटे -
दिल्ली में पहले पेट्रोल 101 प्रति लीटर था। अब 97 रूपए प्रति लीटर है। इस हिसाब से पेट्रोल-डीजल के दाम 5 प्रतिशत भी कम नहीं हुए हैं। केन्द्र सरकार ने बहुत पहले से पेट्रोल डीजल के दाम का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बाजार के आधार पर कर देने का निर्णय लिया है। इस हिसाब से पेट्रोल-डीजल के दाम अब तो कम होना ही चाहिए।
केन्द्र सरकार कम करें टैक्स -
केन्द्र सरकार को चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम हो जाने के बाद वह पेट्रोल-डीजल पर अपने हिस्से का टैक्स कम करें और देश के नागरिकों को राहत दें। इसके लिए केन्द्र सरकार को राज्यों को भी निर्देश देना चाहिए कि वह भी अपने टैक्स कम करें।
राज्य भी करें टैक्स कम -
राज्यों को भी चाहिए कि वह अपने राज्य के नागरिकों को राहत देने के उद्देश्य से अपने-अपने राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला टैक्स कम करें। यदि राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर अपने हिस्से का टैक्स कम करेगी तो निश्चित रूप से नागरिकों को राहत मिलेगी।
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम होना ही चाहिए -
देश के नागरिक बढ़ती हुई मंहगाई से यूं ही परेशान है। वर्तमान में पेट्रोल अनेक राज्यों में करीब 110 रूपए प्रति लीटर तक महंगा मिल रहा है। यह सर्वमान्य सत्य है कि जब भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं या अधिक रहते हैं तो इसका सीधा प्रभाव परिवहन पर पड़ता है। दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली खाद्य सामग्री, किराना सामान, फल, सब्जी, परिवहन आदि बहुत महंगे हो गए हैं। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव कम हो जाने के बाद पेट्रोल-डीजल पर अपने-अपने टैक्स कम करती है, तो निश्चित रूप से इसका प्रभाव परिवहन पर पड़ेगा। पेट्रोल-डीजल सस्ते होने पर परिवहन भी सस्ता हो जाएगा और आम नागरिकों को सस्ती दर पर दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली सामग्री सस्ती मिल सकेगी। जरूरत सिर्फ इस बात की है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें निर्णय लें, ताकि आमजन को महँगाई से राहत मिल सके।
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